दुर्गुकोंदल थाना अंतर्गत कोंडे गांव में नक्सलियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक दादू सिन्ह कोटपरिया की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की जानकारी होते ही भानुप्रतापपुर एसडीओपी समेत पुलिस बल मौके पर पहुंची और घटना से जुड़े हर पहलू पर जांच कर रही है। दूसरी ओर उक्त घटना को आपसी रंजिश से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि पुलिस के जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वारदात को नक्सलियों ने अंजाम दिया है या आपसी रंजिश के चलते दादू सिन्ह की हत्या की गई है।
ग्राम कोंडे में नर्स देवली कोटपरिया पिछले 28 वर्षो सें उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ है और इसके पति दादूसिंह कोटपरिया भी साथ में रहते थे। मंगलवार को रात्रि लगभग 7 बजे दो व्यक्ति एक बच्चे के साथ दादू के घर पहुंचे थे। स्कूल ड्रेस में पहुंचे बच्चे को दिखाकर एक व्यक्ति ने कहा कि इस बच्चे के घाव का इलाज कर दो और उनके साथ आए दूसरे व्यक्ति ने कहा कि मैं साइकिल से गिर गया था, मेरे घुटने पर चोट है। नर्स ने कहा कि इसके लिए आपको अस्पताल जाना पड़ेगा। मेरे घर में पट्टी नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक इसी बीच दादू सिंह भी वहां आ गया और उसने उनसे पूछा कि आप कहां के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने गांव का नाम बताया, जिस पर दादू सिंह ने कहा कि आप लोग उस गांव के नहीं हो। इसी बीच दादू सिंह का कुत्ता वहां पहुंचा और आये हुए लोगों को देखकर भौंकने लगा। एक व्यक्ति ने कुत्ते को गोली मार दी। दादू सिंह समझ गया उस पर हमला करने के लिए वे लोग आए हुए हैं। वह अपने घर के मंदिर की सीढ़यिों से ऊपर चढ़ गया। इस दौरान पिस्तौल धारी युवक उसके पीछे-पीछे मंदिर के ऊपर चढ़ा और दादू सिंह को गोली मार दी। छीना झपटी के दौरान दादू सिंह मंदिर की छत से नीचे गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद अज्ञात हत्यारों ने अंधेरे और जंगल का फायदा उठाते हुए भाग खड़े हुए।
साथ ही दादूसिंह कोटपरिया के घर के चारों ओर भारी मात्रा में पर्चा और बैनर भी चस्पा किया है। नक्सलियों ने पर्चे व बैनर के माध्यम से लिखा है की दादू सिंह आरएसएस का सक्रिय प्रचारक हैं। आरएसएस की गतिविधियां आदिवासी दलित विरोधी है। आरएसएस-भाजपा तानाशाही व्यवहार करते हुए कश्मीर की जनता को बंदी बनाकर उन्हें मिले संवैधानिक अधिकारों को खत्म किया धारा 370, 35ए को किया गया। दादू सिंह ऐसे संगठन से जोड़कर क्षेत्र में अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। कुछ गुंडा लोगों की मदद से जनता को डरा धमका रहा था। सुबह जब पुलिस घटनास्थल का मुआयना करने पहुंची तो मृतक के शरीर पर हमले के भी निशान पाए गए हैं। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वहीं नक्सलियों ने भारी मात्रा में बेनर पोस्टर फेंक शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया है। कश्मीरी आवाम के लिए भाकपा मोआवादियों ने पर्चा फेंक भारत बंद का आह्वान किया है। अनुच्छेद 370 धारा के खत्म करने का विरोध किया है।
पत्नी ने पुलिस की निष्क्रियता पर उठाए सवाल
मृतक की पत्नी देवली का कहना है कि पिछले साल भी 15 अगस्त के दिन मेरे पति पर अज्ञात व्यक्तियों ने गोली चलाकर हमला किया गया था। इसमें वे बाल-बाल बच गए थे। इसकी शिकायत पर पुलिस ने महज खानापूर्ति की और कोई कार्रवाई नहीं की। इस बार फिर अगस्त में ही मेरे पति पर हमला कर हत्या कर दी गई। पुलिस यदि समय रहते कोई कार्रवाई करती तो मेरे पति की जान बच सकती थी।
क्षेत्र के नामचीन शख्सियत थे दादू सिंह
बता दें कि मृतक दादू सिंह ने इंजीनियरिंग भी किया था। भानुप्रतापपुर विकासखंड के संबलपुर के पूर्व सरपंच भी रह चुके हैं और वे अपनी पत्नी के साथ ग्राम कोंडे में निवासरत थे। आरएसएस के स्वयंसेवक होने के नाते वे उस क्षेत्र में भी आरएसएस के प्रचारक के रूप में काम करते रहे। इस क्षेत्र में नामचीन शख्सियत थे।