किरंदुल थाना क्षेत्र के ग्राम गुमियापाल से अपहृत एक युवती और पांच ग्रामीण सोमवार की शाम गांव लौट आए। नक्सलियों ने उन्हें पुलिस से दूरी बनाने की चेतावनी के साथ छोड़ दिया है। अपहरण के दौरान ग्रामीणों के साथ नक्सलियों ने मारपीट भी की। इसका असर दो ग्रामीणों पर अधिक बताया जा रहा है, जिन्हें चलने में दिक्कत आ रही है। हालांकि गांव लौटे ग्रामीणों ने इस बात का खुलासा परिजनों से भी नहीं किया कि उनके साथ किस तरह का जुल्म हुआ है। बावजूद चाल और चेहरे के भाव बता रहे हैं कि जंगल-पहाड़ में रहने के दौरान उन्हें काफी प्रताड़ना दी गई है।
बता दें कि 11 अगस्त की रात नक्सलियों के एक समूह ने पहुंचकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी। बताया जा रहा है कि इस ग्रुप का नेतृत्व एरिया कमांडर प्रदीप कर रहा था। मारपीट के बाद किरण नामक एक युवती सहित छह ग्रामीणों को अपने साथ ले गए। हालांकि दो दिन बाद युवती को गांव लाया गया था और परिजनों से मुलाकात कराने के बाद फिर साथ ले गए थे। इस बीच गुमियापाल के ग्रामीण और परिजनों ने न तो इसकी सूचना पुलिस को दी और न ही बाहरी लोगों तक जानकारी पहुंचाई। मीडिया और कुछ समाजसेवी गांव पहुंचे तो उन्हें भी वापस लौटा दिया गया। इधर सोमवार की शाम ग्रामीणों को नक्सलियों ने छोड़ दिया। इसकी सूचना परिजनों को भी दे दी गई थी। वे गांव से बाहर जंगल में उनका इंतजार करते रहे। शाम को जब वे नजर आए तो उन्हें साथ लेकर गांव लौटे।
दहशत इतनी की गांव में कराएंगे इलाज
सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों के चंगुल से छूटने के बाद ग्रामीण इतने भयभीत हैं कि वे पुलिस के पास जाना नहीं चाहते। मारपीट से जख्मी ग्रामीण हॉस्पिटल जाना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। कह रहे हैं कि गांव में ही जड़ी- बूटी से इलाज करवा दो। बता दें कि पिछले दिनों गुमियापाल गांव के पास ही मुठभेड़ में नक्सली नेता विनोद की बेटी मंगली और एक अन्य नक्सली मारे गए थे। दोनों पांच-पांच लाख रुपये के इनामी थे। इसके बाद से ही गुमियापाल के ग्रामीण नक्सलियों के निशाने पर हैं।
इनका हुआ था अपहरण
गुमियापाल की युवती किरण पिता बुधराम, भीमा पुत्र जोगा वांजामी, लाला पुत्र पोदिया मीडियामी, लालू पुत्र पाकलू मीडियामी, हुंगा पुत्र भीमा मीडियामी और हुंगा पुत्र पांडू मंडावी।
‘ग्राम गुमियापाल से अपहृत ग्रामीणों को नक्सलियों द्वारा छोड़ दिए जाने की खबर आ रही है। गांव से कोई पुष्ट खबर पुलिस को नहीं दी गई है। यदि कोई जख्मी होगा तो उसका उपचार पुलिस करवाने तैयार है।’