छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य सीमावर्ती जिले जशपुर के कुछ स्कूलों में पढ़ाई का अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. स्कूल में जिन स्टूडेंट के हाथों में कॉपी किताब होनी चाहिए, उन हाथों में शिक्षकों ने झाड़ू थमा दिया है. ऐसी तस्वीर किसी सरकारी स्कूल नहीं बल्कि एक निजी स्कूल में सामने आई है. जशपुर के इस स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगवाया जाता है और गोबर भी लिपवाया जाता है. हर शनिवार को स्कूल में ये प्रक्रिया की जाती है.
जशपुर के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित सेंट जेवियर्स प्राथमिक शाला, अजधा को लेकर शिकायत की गई है. यहां हाथों में झाड़ू थामकर क्लास के अंदर झाड़ू करते स्कूली बच्चों का वीडियो सामने आया है. बताया जा रहा है कि यहां यूं ही बच्चों से झाड़ू लगवाया जाता है. इतना ही नहीं स्कूल के दूसरे हिस्से में कुछ बच्चे गोबर से लिपाई करते भी कैमरे में कैद हुए हैं.
चपरासी की नियुक्ति नहीं
स्कूली बच्चों ने ही बताया कि स्कूल में पर्याप्त संख्या में चपरासियों की नियुक्ति नहीं की गई है. इसके चलते ही उन्हें रोज झाड़ू करना पड़ता है और हर शनिवार को स्कूल के कच्चे मकान की पूरी लिपाई भी इन्हीं बच्चों को करनी पड़ती है. इस मामले में स्कूल की प्रधानपाठिका शांता लाकड़ा का भी कहना है कि स्कूल में चपरासी नहीं होने की वजह से बच्चों से काम करवाया जाता है.
मामले में जशपुर के जिला शिक्षा अधिकारी बीआर ध्रुव का कहना है कि निजी स्कूलों में पूरी सुविधाएं होने के बाद ही उन्हें शासन ने मान्यता मिलती है. अगर बच्चों से काम कराया गया है तो ये गंभीर मामला है. इस मामले में जांच कर कड़ी कार्रवाई की स्कूल प्रबंधन के खिलाफ की जाएगी. बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि वीडियो सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी निजी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई कब तक करते हैं.