लगातार दस दिन से हो रही बारिश से अंचल पानी-पानी हो रहा है। इस पानी से बस्तर की आराध्य माई दंतेश्वरी मंदिर भी अछूता नहीं है। मंदिर के छत से लगातार पानी रिस रहा है। फर्श पर पानी फैल चुका है। पुजारी और श्रद्धालु इससे परेशान हैं लेकिन पुरातत्व विभाग इसे अनदेखी कर रहा है। 11वीं सदी के इस मंदिर में ज्यादा अनदेखी हुई तो कभी कोई हादसा से इंकार नहीं किया जा सकता।
बस्तर की आराध्य मां दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा में सावन पर भक्तों का रेला लगा है। बारिश के बीच श्रद्धालु भैरव बाबा के साथ माईजी के पूजा के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन सभी की नजर पूजा के दौरान छत की ओर होती है। लगातार हो रही बारिश से यहां के छत से पानी रिस रहा है। हालांकि गर्भगृह में अभी पानी रिसने जैसी स्थिति नहीं है लेकिन छत नम हो चुके हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत आरती कक्ष और उसके बाहरी वाले कक्ष में हो रही है।
रविवार को दर्शन के लिए बिहार से आए प्रशांत कुमार तिवारी ने भी माता के मंदिर के छत पानी रिसने से दुखी नजर आए। उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग इस ओर ध्यान दें। समय रहते ध्यान नहीं देता है तो छत पर लगे सरिया और कांक्रिट को भी नुकसान होगा और बड़ा हादसा हो सकता है।
मंदिर के पुजारी गिरीश ठाकुर और प्रेमनाथ जिया कहते हैं कि पुरामहत्व के इस मंदिर में पानी टपकने की जानकारी और पुरातत्व विभाग को दी गई है। पुजारी गिरीश ठाकुर ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2014-15 में सर्वे के बाद छत की मरम्मत हुई थी। इसके बाद भी पानी टपकना बंद नहीं हुआ है।
पुजारी का कहना है कि हजारों की संख्या में यहां लोग दर्शन करने आते हैं। इसके सुरक्षा की जिम्मेदारी को पुरातत्व विभाग को करनी चाहिए या मंदिर समिति या जिला प्रशासन को अधिकार दिया जाए ताकि देखरेख के साथ हम लोग समय-समय पर इसकी मरम्मत व दीगर व्यवस्था में हस्तक्षेप कर सकें।