Home News बुनियादी सुविधाओं से आज भी वंचित है आदिवासी परिवार

बुनियादी सुविधाओं से आज भी वंचित है आदिवासी परिवार

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शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाओ के संचालन का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों को मुख्यधारा में जोड़ने सहित जीवन स्तर में बदलाव लाने का है. वहीं शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास, पेंशन, पीडीएस के माध्यम से रियायती दरों पर राशन तक उपलब्ध कराने के दावे किए जाते हैं, लेकिन इन सभी दावों के शोर मेंं आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां आदिवासी परिवार आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. ऐसा ही मामला प्रेमनगर जनपद पँचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत दुर्गापुर के कोदाबारी बस्ती में आया हैंं. यहां रहने वाले आदिवासी वर्ग के अंतर्गत आने वाली भुइयां जनजाति के करीब 40 से अधिक परिवार कच्चे झोपड़ी नुमा मकान में रहने को मजबूर हैं. जहां उन्हें अब तक शासन की योजनाओं का लाभ नहीं म‍िल पाया है. यह हम नहीं इसी बस्ती के रहने वाले भारत पिता स्व. शिवचरण की बातें ही बयांं कर रही हैं.

भारत ने बताया कि वह अपने एक छोटे बच्चे और पत्नी व अपने बुढ़ी माँ के साथ जीवन बसर कर रहा हैं. उसकी उम्र करीब 22-24 वर्ष होने के बाद भी मनरेगा जैसी योजना का लाभ इनको नहीं मिल पा रहा हैं. इनका आज तक रोजगार कार्ड नहीं बना हैं. साथ ही इनकी बुढ़ी माँ हीरा मनी उम्र लगभग 65-70 वर्ष को पेंशन राशि तक पंचायत द्वारा उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. वहीं भारत को प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभ भी नही मिला हैं. ऐसे में मनरेगा योजना में रोजगार नहीं मिलने के कारण भारत मवेशी चराकर, दूसरो की मेहनत मजदूरी कर अपना व परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं. भारत ने बताया कि उनकी माता हीरा मनी का पेंशन नहीं बना है.. ऐसी ही स्थिति यहां रहने वाले अन्य परिवार के सदस्यों का भी है.