आदिवासी लोक संस्कृति के प्रमुख पर्व भगोरिया का रंग चरम पर है। इसी बीच भगोरिया के अनदेखे दृष्य भी कैमरे में कैद हुए । आलीराजपुर के वालपुर हाट का नजारा कुछ इस तरह दिखा। आदिवासी समुदाय में ताड़ और महुआ से बनी शराब पीने का चलन अक्सर देखा गया है, लेकिन वालपुर में आदिवासी युवक-युवतियों के अंग्रेजी शराब पीने के अनदेखे दृष्य सामने आए है।
पश्चिमी मध्यप्रदेश के आदिवासी जोड़े अपने पारंपरिक प्रेम पर्व भगोरिया की विश्व प्रसिद्ध मस्ती में डूब रहे है। प्रदेश में इस साल प्रमुख भगोरिया हाटों के उत्सव की शुरूआत मार्च में हुई है। प्रेम का यह परंपरागत पर्व हिंदुस्तान का दिल कहलाने वाले राज्य मप्र के झाबुआ, धार, खरगोन और बड़वानी जैसे आदिवासी बहुल जिलों में मनाया जा रहा है। सदियों से मनाए जा रहे भगोरिया के जरिए आदिवासी युवा बेहद अनूठे ढंग से अपने जीवनसाथी चुनते आ रहे हैं।
परंपरा के अनुसार बताया जा रहा है कि, भगोरिया हाट में आदिवासी युवक, युवती को पान का बीड़ा पेश करके अपने प्रेम का मौन इजहार करता है । युवती के बीड़ा ले लेने का मतलब है कि वह भी युवक को पसंद करती है ।जिसके बाद दोनों घर से भाग जाते हैं । बताया जाता है कि इस त्यौहार के दौरान समुदाय के नौजवान सदस्यों को अपने जीवनसाथी चुनने की पूरी आज़ादी होती है । यह जीवन और प्रेम का उत्सव है जो संगीत, नृत्य और रंगों के साथ मनाया जाता है।