Home News सरगुजा के बाद अब राजनांदगांव तक पहुंची पत्थलगड़ी की चिंगारी!

सरगुजा के बाद अब राजनांदगांव तक पहुंची पत्थलगड़ी की चिंगारी!

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राजनांदगांव। पत्थलगड़ी की जो आग कभी प्रदेश के सरगुजा क्षेत्र में भड़की थी, आज उसकी चिंगारी राजनांदगांव जिले तक पहुंच गई है। जिले के माओवाद से घिरे इलाके मानपुर के कुर्सेकला और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत हो रही है। ग्रामीणों से मिल रही जानकारी के अनुसार कुर्सेकला के आस-पास के 23 गांवों के लोग एकजुट होकर एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। आंदोलन का प्रचार-प्रसार कुछ इस ढंग से किया जा रहा है कि इस आयोजन में महिला, पुरुष और नौजवान सहित बच्चे भी शामिल हो रहे हंै। आंदोलन से जुड़े आदिवासी नेताओं का   कहना है कि पहले लिखित संविधान नहीं था। उनके पुरखे पत्थर गाड़कर सीमा तय करते थे। आदिवासी इस बात को फिर एक बार दोहरा रहे हैं कि जल, जंगल, जमीन उनकी है और उनपर उनका ही अधिकार है। सूत्रों से मिली  जानकारी के अनुसार कुर्सेकला में 23 गांवों से सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग जुटे। यहां आदिवासी समाज के नेताओं ने दोहराया कि जल, जंगल जमीन हमारी है। ग्रामसभा का संविधान और आदिवासी समाज का संविधान पूर्व से ही है, लेकिन लिखित में नहीं होने के कारण हमारी अनदेखी की जा रही है, जबकि हम कहीं से भी गलत नहीं है। हम सरकार के सामने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, जो हमारे अधिकार में है।