बस्तर के जंगलों से मिलने वाली विभिन्न वनोपजों में से इमली से सॉस और हल्दी से पॉवर कैंडी का उत्पादन शीघ्र ही शुरू होगा। इस संबंध में जानकारी के अनुसार जिले के किसानों को जल्द ही प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के साथ इन उत्पादों को बनाने में सहायता प्राप्त होगी। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी मिशन की सहायता से यूनिट का निर्माण शीघ्र ही होकर उत्पादन शुरू होगा। इस प्रोसेसिंग यूनिट में इमली का सॉस व हल्दी की पावर कैंडी के अलावा तीखुर की बर्फी भी उत्पादित होगी। उनके उत्पाद का बेहतर लाभ मिल सके इसलिए यह प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसकी स्वीकृति मिलने के बाद यूनिट लगाने का काम लोहांडीगुड़ा विकास खंड में शुरू होगा। वैसे लोकसभा चुनाव के बाद इस प्रोसेसिंग यूनिट को शुरू किये जाने की चर्चा चल रही है। इस यूनिट में जहां इमली से उसकी चपाती और सॉस बनाया जाएगा तो वहीं तीखुर से पावडर और बर्फी बनाई जाएगी। इसके अलावा हल्दी का पावडर बना उसे बाजार में बेचा जाएगा। यूनिट में शामिल किये गये किसानों को उद्यानिकी कालेज के वैज्ञानिकों की देखेरख में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
इस संबंध में उद्यानिकी कालेज के अधिष्ठाता डॉ. डीएस ठाकुर ने बताया कि पिछले कुछ सालों से प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए लगातार कोशिश की जा रही थी, अब सफल हो रही है। इस यूनिट के लगने से किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा । इस संबंध में उद्यानिकी विशेषज्ञ केपी सिंह ने जानकारी दी कि तीनों यूनिट की स्थापना पर 4 लाख 10 हजार रुपये की लागत आयेगी।