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बाल संरक्षण समिति की सजगता से रोका गया बाल विवाह

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कोरबा। जिला बाल संरक्षण अधिकारी कोरबा ने बताया कि आज 27 मार्च को कोरबा जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना कोरबा ग्रामीण के अंर्तगत परियोजना 20 किलो मीटर दूर के एक थाना रजगामार के एक ग्राम में बाल संरक्षण समिति के सदस्यों की सजगता से महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं ग्राम के बाल संरक्षण समिति की लोगों की सहायता से जिले में एक किशोर जिसकी विवाह हेतु निर्धारित उम्र 21 वर्ष पूर्ण नही थी का बाल विवाह होने से बचा लिया गया। ज्ञात हो कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं आदर्श नियम 2016 के अतंर्गत राज्य बाल संरक्षण समिति महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्राप्त निर्देशों के पालन में कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में जिले के समस्त बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण को सुनिश्चित करने हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है, जिससे बच्चों के प्रति होने वाले अपराध एवं शोषण को रोका जा सके। इसके साथ ही होने वाले बाल विवाह की रोकथाम हेतु भी ग्राम, नगर, शहरों में लोगों को उपरोक्त बाल संरक्षण समिति द्वारा जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे बच्चों को देखरेख एवं संरक्षण को पूर्णत: सुनिश्चित किया जा सके। जिसके परिणाम स्वरूप जिले में एक और बाल विवाह होने से रोक लिया गया।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी बाल संरक्षण समिति की सजगता से जिले में बाल विवाह विवाह होने से रोका गया है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 21 वर्ष से कम उम्र के लडके और 18 वर्ष से कम उम्र की लडकी के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है। यदि इसके पश्चात भी किसी व्यक्ति द्वारा इस कानून का उलंघन करते हुये बाल विवाह किया जाता है अथवा कराने में सहयोग करते हुये बढावा दिया जाता है तो उसे 2 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 1 लाख तक का जुर्माना से दण्डित किया जायेगा। इसके साथ ही बाल विवाह में सम्मिलित होता है को भी 2 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 1 लाख तक का जुर्माने से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। जिस हेतु जिला प्रशासन जिले के सभी प्रबुध्द नागरीकों से अपील करता है कि बाल विवाह न करें एवं बाल विवाह संबधित जानकारी चाइल्ड हेल्प लाईन 1098 (निशुल्क नंबर 24 घंटे दिन व रात) पर अथवा सर्व संबंधित विभाग पुलिस विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई, एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय इत्यादि को तत्काल अवगत करायें।