Home देश “शनि बनाम बृहस्पति! नीतीश और तेजस्वी के बीच ग्रहों की महायुद्ध में...

“शनि बनाम बृहस्पति! नीतीश और तेजस्वी के बीच ग्रहों की महायुद्ध में कौन जीतेगा बिहार?”

2
0

आज शाम तक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ जाएंगे. पूरे राज्य की जनता इस इंतजार में है कि आने वाले पांच सालों तक कौन बिहार के राज्य की कमान संभालेगा.

 यह राजनीतिक लड़ाई भले ही कुछ दलों के बीच में हो, मगर एक लड़ाई ग्रहों के बीच भी चल रही है, जो अपनी ऊर्जा से संघर्ष को दिशा देते हैं.

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव , दोनों ही बिहार की राजनीति के बड़े चेहरे हैं, और इन दोनों की कुंडलियों में इस वक्त सबसे बड़ा टकराव शनि बनाम बृहस्पति का बन रहा है.

नीतीश कुमार की कुंडली में शनि का प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार, आज के दिन नीतीश कुमार की जन्मकुंडली में शनि एक मजबूत ग्रह माना जा रहा है. शनि को अनुशासन, रणनीति, संयम और लंबी पारी खेलने वाला कारक ग्रह मान गया है.

2025 की ग्रह स्थिति के अनुसार, शनि इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो नीतीश की कार्यशैली और प्रशासनिक छवि को ओर मजबूत करता है.

शनि का यह गोचर बताता है कि-  नीतीश की राजनीति अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है.

इस समय दांव पलटने की क्षमता भी बन रही है. शनि अंतिम समय पर परिणाम को मोड़ने में भी मदद कर सकते हैं. लेकिन शनि कठिन परीक्षा भी लेते हैं. इसलिए अगर नीतीश को आज चुनावी परिणाम में बढ़त मिलती है, तो वह बहुत संघर्ष और उतार-चढ़ाव के बाद ही मिलेगी.

 तेजस्वी यादव की कुंडली में बृहस्पति की चाल

वहीं तेजस्वी की कुंडली में बृहस्पति एक अत्यंत प्रभावी ग्रह माना जा रहा है. बृहस्पति ग्रह अपने जातकों को विस्तार, लोकप्रियता, अवसर और युवाओं का समर्थन दिलाता है. जिस वजह से 2025 में बृहस्पति का गोचर वृषभ राशि में हो रहा है , जो युवाओं और नई विचारधारा वाले नेताओं को बड़ा लाभ दे गा .

बृहस्पति के प्रभाव से- तेजस्वी को जनता का भावनात्मक समर्थन मजबूती से मिलेगा.

नए मतदाता वर्ग की पसंद तेजस्वी की ओर झुक सकता है. चुनावी मैदान में ऊर्जा और आकर्षण उनके पक्ष में रह सकता है. लेकिन बृहस्पति कभी-कभी अपेक्षा से कम परिणाम भी दे देते हैं, खासकर तब जब शनि जैसे ग्रह मुकाबले में हों.

शनि बनाम बृहस्पति के  महायुद्ध का परिणाम किस ओर?

आज 14 नवंबर 2025 की तारीख का मूलांक 7 बन रहा है, जो केतु का अंक माना जाता है. यह दिन बताता है कि- किसी भी दल को चुनावी परिणाम में बहुमत मिलने के आसार कम है.

किंगमेकर पार्टियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी. आज का सबसे बड़ा नतीजा गठबंधन पर निर्भर हो सकता है. जनता का ओर से साफ संदेश की स्थिरता चाहिए, पर बदलाव की दिशा भी स्पष्ट होनी चाहिए.