गुजरात के सूरत में इंजीनियरिंग का अद्भूत नमूना पेश होने जा रहा है. बता दें कि यहां लाभेश्वर चौक और मस्कटी इलाकों में 2 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है. इन दोनों स्टेशनों को बिल्कुल संकरी जगहों पर बनाया जा रहा है, जहां अप और डाउन लाइनें आमने-सामने न होकर ऊपर-नीचे होंगी. इस तरह के स्टेशनों को डबल डेकर स्टेशन कहा जाता है.
मेट्रो स्टेशन का नाम स्टेक स्टेशन बता दें कि लाभेश्वर चौक और मस्कटी इलाकों में बन रहे अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना होगा. मेट्रो प्रशासन की ओर से इन दोनों स्टेशनों को स्टेक स्टेशन नाम दिया गया है. बता दें कि जब जगह की चौड़ाई डाउन लाइनें के अगल-बगल बनाने के लिए बेहद कम हो या उसे वहां वहां नहीं बनाई जा सकती हैं तब उन्हें ऊपर-नीचे यानी स्टैक मॉडल में विकसित किया जाता है. ऐसे डिजाइन बेहद दुर्लभ माने जाते हैं.
भारत का दूसरा गहरा स्टेशन बता दें कि लाभेश्वर और मस्कटी स्टेशन 4 स्तर पर होगा. इसमें सबसे ऊपर कॉनकोर्स एरिया होगा, जिसके नीचे डाउन लाइन का प्लेटफॉर्म होगा. इसके साथ ही उसमें तकनीकी जोन और सबसे नीचे अप लाइन का प्लेटफॉर्म भी होगा. पश्चिम बंगाल के हावड़ा के बाद यह भारत का दूसरा गहरा स्टेशन होगा, जिसे 40 मीटर की गहराई पर बनाया जा रहा है. वहीं भारत में अभी तक चेन्नई में एक मेट्रो स्टेशन को इस तरीके से बनाया गया है.
कितना पूरा हुआ काम? बता दें कि चौक बाजार से सूरत स्टेशन तक अप लाइन का काम पूरा हो चुका है. वहीं सूरत मेट्रो का भूमिगत हिस्सा लगभग 6 किलोमीटर लंबा है, जिसमें चौक बाजार से सूरत स्टेशन तक 3 किलोमीटर और सूरत स्टेशन से कापोद्रा तक 2.8 किलोमीटर का सेक्शन शामिल है. इस अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का काम फिलहाल अंतिम चरण में है. इस स्टेशन का पूरी तरह से बनने का हर किसी को इंतजार है.
सूरत में कितने अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं?
सूरत में 2 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिन्हें लाभेश्वर चौक और मस्कटी इलाकों में विकसित किया जा रहा है.
स्टेशनों को डबल डेकर स्टेशन क्यों कहा जाता है?
इन स्टेशनों को डबल डेकर स्टेशन कहा जाता है क्योंकि इनमें अप और डाउन लाइनें ऊपर-नीचे होंगी, न कि आमने-सामने.