असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य ने 37 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को श्रीभूमि सेक्टर से उनके मूल देश बांग्लादेश में वापस “पुश बैक” कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी घुसपैठियों के साथ इसी तरह का सख्त रवैया अपनाया जाएगा. सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “अलविदा घुसपैठिए, असम में आपका समय खत्म! 37 अनचाहे मेहमानों को श्रीभूमि सेक्टर से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है.” इस पोस्ट के साथ उन्होंने पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की धुंधली तस्वीरें साझा कीं. उन्होंने आगे कहा, “सभी को पहले ही बता रहा हूं—सभी अनचाहे मेहमानों के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा.”
मुख्यमंत्री ने यह नहीं बताया कि यह ऑपरेशन कब किया गया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार असम को घुसपैठ-मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. सरमा ने पहले भी कहा था कि हर हफ्ते कम से कम 35-40 लोगों को “पुश बैक” किया जा रहा है. यह त्वरित प्रक्रिया लंबी और समय लेने वाली कानूनी निर्वासन प्रक्रिया को दरकिनार करती है. इस नीति के तहत, अवैध रूप से सीमा पार करने वालों को तुरंत वापस उनके देश भेज दिया जाता है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी से बचा जा सके.
असम सरकार की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया फैसले के बाद और तेज हो गई है, जिसमें 24 मार्च 1971 के बाद असम में प्रवेश करने वाले सभी बांग्लादेशी प्रवासियों को अवैध घोषित किया गया है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को ऐसे लोगों की पहचान करने, उनका पता लगाने और उन्हें तुरंत देश से बाहर निकालने का आदेश दिया है. सरमा ने इसे अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि असम को अवैध घुसपैठियों के लिए “प्रजनन स्थल” नहीं बनने दिया जाएगा.
इससे पहले भी सरमा ने भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही थी. उनकी सरकार ने हाल ही में एक भ्रष्ट अधिकारी को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर हिंदुओं की जमीन को दूसरे समुदाय को हस्तांतरित कर रही थी. सरमा ने सभी सरकारी कर्मचारियों से भ्रष्टाचार से दूर रहने की अपील की है. उनकी यह नीति न केवल अवैध घुसपैठ को रोकने बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी है.