लोकसभा में सांसदों के संख्या बल के आधार पर देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी- समाजवादी पार्टी ने अपनी आय से ज्यादा खर्च किया है. यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में हुआ है.
आर्थिक मामलों की यह जानकारी वित्तीय वर्ष 2023-24 में की है. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इस उपरोक्त वित्तीय वर्ष में सपा ने 26.1215 करोड़ रुपये की आय घोषित की और 39.490 करोड़ रुपये खर्च किए. रिपोर्ट के अनुसार सपा न आय से 13.36 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए. रिपोर्ट के अनुसार सपा ने आय से 51.18% अधिक खर्च किए.
एडीआर के मुताबिक सपा द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार पार्टी को बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडीआर) और सेविंग्स खाते से ब्याज- 21.58 करोड़ रुपये (82.62%), फीस और सब्सक्रिप्शन से 3.93 करोड़ रुपये (15.03%), ग्रांट/डोनेशन से 0.48 करोड़ रुपये (1.85% ) की आय हुई. इसके अलावा 0.1303 करोड़ की अन्य आय हुई.
समाजवादी पार्टी का बड़ा खर्च कहां? पार्टी ने मुख्यतः जो खर्चे किए उसमें चुनावी खर्च- 19.14 करोड़ रुपये रहा जो कुल खर्च का 48.49% है. वहीं प्रशासनिक और सामान्य खर्च 10.17 करोड़ रुपये रहा जो कुल खर्चे का 25.75% था. संपत्तियों पर ह्रास 4.90 करोड़ रुपये लगा जो कुल खर्च का 12.42% था. इसके अलावा सपा ने अन्य खर्च 5.26 करोड़ रुपये यानी कुल खर्च का 13.34% रहा.
एडीआर की अनुसार समाजवादी पार्टी ने 55 दिन की देरी करते हुए 26 दिसंबर 2024 को निर्वाचन आयोग के समक्ष रिपोर्ट जमा की.
इसके अलावा एडीआर की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि देश में 40 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2,532.09 करोड़ रुपये की संयुक्त आय घोषित की, जिसमें से 70 प्रतिशत से अधिक धन चुनावी बॉण्ड के माध्यम से आया.
रिपोर्ट के अनुसार सपा उन 12 दलों में से एक है जिसने आय से ज्यादा खर्च की जानकारी दी है सपा के अलावा वाईएसआर-कांग्रेस, डीएमके, जेडी(यू), शिअद, सीपीआई(एमएल)(एल), एलजेपी (रामविलास) वह अन्य क्षेत्रीय दल हैं जिन्होंने अपनी आय से अधिक खर्च करने की घोषणा की है. वाईएसआर-कांग्रेस ने सबसे अधिक 104.7235 करोड़ रुपये या अपनी आय से 54.82% अधिक खर्च करने की घोषणा की है.