“भारत के उपराष्ट्रपति को नहीं मिलती है रेगुलर सैलरी, केवल इस काम के लिए दिए जाते हैं वेतन और भत्ते”
क्या आपलोग जानते हैं कि भारत का उपराष्ट्रपति एकमात्र ऐसा पद है जिसे नियमित तौर पर वेतन का लाभ नहीं मिलता। जी, हां सही सुन रहे हैं। भारत के उपराष्ट्रपति को “उपराष्ट्रपति” के रूप में कोई नियमित वेतन नहीं मिलता है, बल्कि वे संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में अपनी भूमिका के लिए वेतन और भत्ता प्राप्त करते हैं।
यह व्यवस्था ‘संसद अधिकारी के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1953’ के तहत की गई है। 2018 में हुए संशोधन से पहले यह वेतन 1.25 लाख रुपये प्रति माह था। लेकिन इसे बाद में बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया था।
एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार पी. सुदर्शन रेड्डी, 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में हैं। यह चुनाव 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के लिए जरूरी हो गया है।
उपराष्ट्रपति को मिलने वाले भत्ते उपराष्ट्रपति को मुफ्त सरकारी आवास, दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता चिकित्सा सुविधाएं और अन्य कई प्रकार की भत्ते मिलते हैं। हालांकि, ये भत्ते उन्हें राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में सेवा देने के लिए मिलता है। उपराष्ट्रपति और उनके परिवार को उच्च-स्तरीय सुरक्षा, एक बड़ा स्टाफ और निजी सचिव भी प्रदान किए जाते हैं।
जगदीप धनखड़ को कुल 4 पदों के लिए मिलेगी पेंशन पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राज्यसभा के पूर्व सभापति के तौर पर हर महीने 2 लाख रुपये की पेंशन मिलेगी। वे एक पूर्व सांसद भी हैं, जिसके लिए उन्हें प्रत्येक महीने 45,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, राजस्थान के एक पूर्व विधायक के तौर पर वे हर महीने 42,000 रुपये के हकदार होंगे, जिसके लिए उन्होंहने हाल ही आवेदन दिया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल के रूप में उन्हें 25,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। यानी कि उन्हें हर महीने पेंशन के रूप में कुल 3 लाख 12 हजार रुपये मिलेंगे।
धनखड़ को अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी एक पूर्व उपराष्ट्रपति के तौर पर जगदीप धनखड़ को टाइप 8 का शानदार बंगला मिलेगा, जिसे सरकार द्वारा रख रखाव किया जाएगा। उन्हें एक सरकारी कार और सुरक्षा भी मिलेगा, जो जेड या जेड प्लस कैटेगिरी तक की हो सकती है।