इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण आज रात को होगा, जो पितृपक्ष की शुरुआत के साथ एक दुर्लभ संयोग बनाएगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होगा और रात 1:26 बजे समाप्त होगा. रात 11:42 बजे चंद्रमा पूर्ण ग्रहण की अवस्था में दिखाई देगा. ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा, जिसके कारण धार्मिक कार्य सुबह ही पूरे किए जाएंगे.
भोपाल में मंदिरों की पूजन व्यवस्था में बदलाव किया गया है. शयन आरती का समय रात 9:30 बजे निर्धारित किया गया है, और ग्रहण शुरू होते ही रात 9:58 बजे मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे. रायपुर में भी मंदिरों में समान व्यवस्थाएं लागू हैं, जहां ग्रहण समाप्ति के बाद प्रातःकाल मंदिरों का शुद्धिकरण होगा. श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ट्रस्ट और अन्य धार्मिक संगठनों ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है. ग्रहण के दौरान गर्भगृह में पूजन सामग्री ले जाना प्रतिबंधित रहेगा. यह खगोलीय घटना दोनों शहरों में खुली आंखों से सुरक्षित रूप से देखी जा सकती है.
चंद्रग्रहण लगने से पहले ही इन मंदिरों के पट होंगे बंद
1. लक्ष्मण मंदिर, सिरपुर
काल : 7वीं शताब्दी
लोकेशन : सिरपुर, महासमुंद जिला (महासमुंद से 35 किमी, रायपुर से 78 किमी)
2. गंडई शिव मंदिर
काल : 7वीं–8वीं शताब्दी
लोकेशन : गंडई, राजनांदगांव जिला (राजनांदगांव से 70 किमी, रायपुर से 125 किमी)
3. बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़
काल : 9वीं–10वीं शताब्दी
लोकेशन : डोंगरगढ़, राजनांदगांव जिला (राजनांदगांव से 40 किमी, रायपुर से 110 किमी)
4. महामाया मंदिर, रतनपुर
काल : 11वीं शताब्दी
लोकेशन : रतनपुर, बिलासपुर जिला (बिलासपुर से 25 किमी, रायपुर से 150 किमी)
5. ब्रह्मा मंदिर, कसडोल–समलईपाली
काल : 11वीं शताब्दी
लोकेशन : कसडोल (बलौदाबाजार-भाटापारा जिला), रायपुर से लगभग 95 किमी
6. दंतेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा
काल : 11वीं–12वीं शताब्दी
लोकेशन : दंतेवाड़ा जिला (जगदलपुर से 80 किमी, रायपुर से 400 किमी)
7. राजीव लोचन मंदिर, राजिम
काल : 12वीं शताब्दी
लोकेशन : राजिम, गरियाबंद जिला (रायपुर से 45 किमी)
8. भोरमदेव मंदिर, कवर्धा
काल : 11वीं–13वीं शताब्दी
लोकेशन : भोरमदेव, कवर्धा जिला (कवर्धा से 18 किमी, रायपुर से 125 किमी)
9. खंडेराव महादेव मंदिर, बिलासपुर
काल : 13वीं–14वीं शताब्दी
लोकेशन : बिलासपुर शहर, बिलासपुर जिला (रेलवे स्टेशन के पास स्थित)
चंद्रग्रहण पर मंदिर बंद, भोग आरती के बाद नहीं होंगे दर्शन, जानें 8 सितंबर की व्यवस्था
आज 07 सितंबर 2025, रविवार को शनि चंद्रग्रहण के चलते सूतक काल सुबह 9:30 बजे से प्रभावी हो गया. भोग आरती के बाद मंदिर का पट बंद कर दिया गया है. अब 08 सितंबर को प्रातः देव स्नान व पूजन के बाद ही दर्शन शुरू होंगे. श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि निर्धारित समय के अनुसार ही दर्शन हेतु आएं.
चंद्रग्रहण का असर नलखेड़ा में मां बगलामुखी मंदिर के पट बंद, हवन-पूजन भी स्थगित
आगर मालवा के नलखेड़ा स्थित प्रसिद्ध माँ बगलामुखी मंदिर में चंद्रग्रहण के कारण मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं. पुजारी दिनेश गुरु ने विधिवत पूजन कर पट बंद किए. सभी हवन और अनुष्ठान स्थगित कर दिए गए हैं. अब दर्शन-पूजन चंद्रग्रहण समाप्ति के बाद कल सुबह मंगला आरती के साथ फिर से शुरू होंगे.
चंद्र ग्रहण का असर कोरबा के इन प्रसिद्ध मंदिरों में नहीं होंगे दर्शन, गर्भगृह रहेंगे बंद
कोरबा जिले के प्रमुख मंदिरों में चंद्र ग्रहण के कारण सूतक काल के दौरान गर्भगृह के पट बंद रहेंगे. इसमें सर्वमांगला मंदिर, सप्तदेव मंदिर, श्याम मंदिर, कॉपीलेश्वर मंदिर और पंचमुखी हनुमान मंदिर शामिल हैं. यह निर्णय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लिया गया है, और दर्शन अब ग्रहण समाप्ति के बाद ही किए जा सकेंगे.
चंद्र ग्रहण पर रायपुर के ये प्रसिद्ध मंदिर रहेंगे बंद, जानें सूतक का असर कहां-कहां पड़ेगा
रायपुर में आज चंद्र ग्रहण के कारण सूतक काल की मान्यता के अनुसार कई प्रमुख मंदिरों के पट बंद रहेंगे. इनमें पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर, समलेश्वरी मंदिर, आकाशवाणी चौक का महाकाली मंदिर, बूढ़ातालाब के हनुमान व सिद्धिविनायक मंदिर और कुशालपुर का दंतेश्वरी मंदिर शामिल हैं. दर्शन अब ग्रहण समाप्ति के बाद ही होंगे.
ओंकारेश्वर में चंद्र ग्रहण के चलते बदली मंदिरों की व्यवस्था, श्रद्धालुओं के लिए जरूरी जानकारी
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में चंद्र ग्रहण के चलते सभी मंदिरों के पट आज दोपहर 12:30 बजे बंद कर दिए जाएंगे. ये पट ग्रहण समाप्ति के बाद विधिवत शुद्धिकरण एवं पूजा-अर्चना के उपरांत ही पुनः खोले जाएंगे. मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है और पूजन नियमों का पालन करने को कहा है.
खंडवा में चंद्रग्रहण के बीच धुनी वाले दादाजी मंदिर में जारी रहेगा पूजन, बाकी मंदिरों के पट 12:56 पर होंगे बंद
खंडवा के प्रसिद्ध दादाजी धुनी वाले मंदिर में इस बार भी चंद्रग्रहण के दौरान पट बंद नहीं होंगे और पूजा-पाठ सामान्य रूप से जारी रहेगा. वहीं, जिले के अन्य सभी मंदिरों में दोपहर 12:56 बजे से ग्रहण सूतक काल के कारण पट बंद कर दिए जाएंगे. धुनी वाले मंदिर की परंपरा अनुसार हर बार की तरह पूजन विधि जारी रहेगी.
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए?
छत्तीसगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में गर्भवती महिलाओं के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ परंपरागत मान्यताएं और सावधानियां वर्षों से प्रचलित हैं. इन्हें ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, खासतौर पर गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए. नीचे प्रमुख मान्यताएं और सावधानियां दी गई हैं:–
1. ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें
2.धारदार वस्तुओं का प्रयोग वर्जित
3.लेटना और सोना नहीं चाहिए
4.तुलसी और मंदिर से दूरी
5.मंत्र जाप और धार्मिक पाठ करें
मध्य प्रदेश में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कब?
मध्य प्रदेश में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण को रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और इसका समापन 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा.
महाकाल मंदिर में बदली पूजन व्यवस्था, जानें सूतक और आरती का नया समय
उज्जैन के मंदिरों, विशेष रूप से महाकालेश्वर मंदिर में पूजन व्यवस्था में बदलाव किया गया है. महाकाल मंदिर में शयन आरती, जो सामान्यतः रात 10:30 बजे होती है, आज रात 9:30 बजे होगी. मंदिर के पट, जो आमतौर पर रात 11 बजे बंद होते हैं, आज रात 9:56 बजे बंद हो जाएंगे. भस्म आरती, भोग आरती और संध्या आरती अपने निर्धारित समय पर होंगी. ग्रहण समाप्त होने के बाद रात में मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा. मंदिर को धोया जाएगा, और भगवान का स्नान व अभिषेक कर भस्म आरती की जाएगी. यह ग्रहण और पितृपक्ष का संयोग भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है.
अंबिकापुर में चंद्र ग्रहण का असर, सूतक लगते ही दोपहर 12 बजे बंद होंगे महामाया मंदिर के पट
आज के चंद्र ग्रहण को लेकर अंबिकापुर के प्रसिद्ध मां महामाया मंदिर के पट दोपहर 12 बजे बंद कर दिए जाएंगे. ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लगने के कारण यह निर्णय लिया गया है. श्रद्धालुओं की सुबह से भारी भीड़ देखी गई. मंदिर के पुजारी ने बताया कि कल सुबह विधिवत पूजा की जाएगी.
ओंकारेश्वर मंदिर में चंद्रग्रहण का असर, श्रद्धालुओं के लिए बदली पूजन व्यवस्था, जानें मंदिर के नए नियम
खंडवा के ओंकारेश्वर में आज चंद्रग्रहण के कारण मंदिर की पूजन व्यवस्था में बदलाव किया गया है. सुबह से भगवान श्री ओंकारेश्वर महादेव के दर्शन हो रहे हैं, लेकिन गर्भगृह में जल, फूल, बेलपत्र और अन्य पूजन सामग्री ले जाना प्रतिबंधित है. ग्रहण शुरू होने से पहले रात 9:30 बजे शयन आरती होगी. रात 9:58 बजे चंद्रग्रहण शुरू होते ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. ग्रहण समाप्ति के बाद प्रातःकाल मंदिर खुलने पर परिसर का विधिवत शुद्धिकरण और पूजा-अर्चना होगी, फिर दर्शन शुरू होंगे. श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से सहयोग मांगा है.