खेती होगी सस्ती, किसानों की आमदनी बढ़ेगी, GST में यह कटौती किसानों के लिए बहुत बड़ा बदलाव…
केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स स्लैब में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। सरकार ने 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म कर दिया है।
अब सिर्फ तीन स्लैब रह गए हैं, 5%, 18% और 40%। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा किसानों और कृषि क्षेत्र को मिलेगा।
खेती से जुड़े सामान पर टैक्स में बड़ी राहत नई टैक्स दरों के तहत कृषि क्षेत्र की अधिकांश वस्तुओं को 5% के दायरे में ला दिया गया है। पहले जिन उपकरणों और मशीनों पर 12% टैक्स लगता था, अब उन पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। इसमें शामिल हैं: ट्रैक्टर और उनके पार्ट्स, कृषि टायर, सिंचाई मशीनें (ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि), खाद बनाने की मशीनें, जैविक कीटनाशक (बायोपेस्टीसाइड्स), यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, जिससे खेती की लागत में उल्लेखनीय गिरावट आएगी।
ट्रैक्टर, सिंचाई उपकरण और खाद बनाने वाली मशीनों जैसी जरूरी चीजों पर टैक्स कम होने से ये उत्पाद पहले से सस्ते हो जाएंगे। इससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसान भी इन आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। इससे कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी और किसानों की आमदनी में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
सरकार की नीयत साफ: कृषि क्षेत्र को मिल रहा प्राथमिकता आपको बता दें की जीएसटी काउंसिल का यह फैसला दर्शाता है कि सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है। टैक्स स्लैब में सुधार कर सरकार ने न सिर्फ टैक्स प्रणाली को सरल बनाया है, बल्कि किसानों की जरूरतों को भी ध्यान में रखा है।
भविष्य की दिशा: निवेश और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा कम टैक्स दरों से सिर्फ किसान ही नहीं, कृषि उपकरण और खाद बनाने वाली कंपनियों को भी लाभ होगा। इससे इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा, नई तकनीकों का विकास होगा और देश में कृषि के आधुनिकरण को बढ़ावा मिलेगा।