आज हम बात कर रहे हैं उन 5 प्रमुख रूसी हथियारों की, जो भारतीय सेना की युद्धक्षमता को बेमिसाल बनाते हैं।
भारत और रूस के बीच दशकों पुराना रक्षा सहयोग आज भी भारतीय सेना की रीढ़ बना हुआ है। रूस से मिले कई अत्याधुनिक हथियारों ने न केवल सेना की ताकत में इज़ाफा किया है, बल्कि सीमाओं पर दुश्मनों के मन में डर भी पैदा किया है।
1. S-400: ट्रायम्फ भारतीय सेना को हाल ही में मिला S-400 वायु रक्षा प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस प्रणालियों में गिनी जाती है। यह प्रणाली एक साथ कई हवाई लक्ष्यों जैसे ड्रोन, फाइटर जेट और बैलिस्टिक मिसाइलों को 400 किलोमीटर तक की दूरी से नष्ट करने में सक्षम है। इससे भारत की वायु सुरक्षा को अभूतपूर्व मजबूती मिली है।
2. T-90: भीष्म टैंक भारतीय थलसेना में T-90 टैंकों को “भीष्म” नाम दिया गया है। ये टैंक रूस के T-90S मॉडल पर आधारित हैं। इनकी फायरिंग क्षमता, गति और रक्षा कवच उन्हें दुनिया के सबसे घातक टैंकों में शामिल करती है। भारत ने इन्हें राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर लद्दाख की बर्फीली चोटियों तक तैनात किया है।
3. Su-30MKI: फाइटर जेट भारतीय वायुसेना की रीढ़ माने जाने वाले Su-30MKI लड़ाकू विमान रूस के सहयोग से भारत में ही तैयार किए गए हैं। ये मल्टीरोल फाइटर जेट हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम हैं। ब्रह्मोस मिसाइल से लैस Su-30MKI किसी भी मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं।
4. INS: विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर भारतीय नौसेना का गौरव INS विक्रमादित्य रूस से खरीदा गया एक विशाल विमानवाहक पोत है। यह न केवल वायुसेना की ताकत को समुद्र पर प्रोजेक्ट करता है, बल्कि युद्ध के दौरान यह एक चलता-फिरता एयरबेस भी साबित होता है। इसमें MIG-29K जैसे शक्तिशाली फाइटर जेट भी तैनात होते हैं।
5. AK-203: असॉल्ट राइफल AK-47 की उन्नत तकनीक पर आधारित AK-203 राइफलें भारतीय सेना की इन्फैंट्री का एक प्रमुख हथियार है। भारत और रूस मिलकर उत्तर प्रदेश के अमेठी में इनका उत्पादन कर रहे हैं। ये राइफलें हल्की, टिकाऊ और हर मौसम में काम करने वाली हैं, जो पैदल सैनिकों की युद्ध क्षमता में भारी बढ़ोतरी करती है।
भारत-रूस की अटूट साझेदारी: भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग केवल आयात तक सीमित नहीं है। अब यह ‘मेक इन इंडिया’ की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है। दोनों देशों के संयुक्त उपक्रम भविष्य की जरूरतों के मुताबिक अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण पर भी काम कर रहे हैं। इन 5 रूसी हथियारों ने भारतीय सेना को जिस स्तर की सामरिक मजबूती दी है, वह न केवल देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाते हैं बल्कि भारत को एक विश्वस्तरीय सैन्य ताकत के रूप में भी स्थापित करते हैं।