बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण शनिवार की की सुबह से ही बस्तर में असमय वर्षा हो रही है। खासकर स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों को वर्षा के कारण बहुत परेशानी हो रही है। इसके अलावा चना तथा अरहर की फसल में कीड़े तथा ईल्लियां भी पनप रही हैं। साथ ही तना छेदक कीड़े भी फसलों को नष्ट कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने रविवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। दिन भर आसमान में काले बादल छाये रहे तथा रिमझिम बारिश के कारण वृद्ध तथा बीमार व्यक्तियों खासकर दमा के रोगियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शनिवार को दिन भर रुकरुकर बारिश होती रही। वहीं आज भी बादल छाए हुए हैं। आगामी 24 घंटों में बस्तर के कई इलाकों में बारिश होने तथा दो दिनों तक आसमान में काले बादल छाये रहने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में इस बार पश्चिम-बंगाल एवं उड़ीसा के तटवर्ती क्षेत्र में बने कम दबाव के चलते बस्तर सहित छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में बारिश हो रही है। वर्तमान में इसका केन्द्र उड़ीसा व आंध्रप्रदेश का मध्य भाग बना हुआ है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक हवा की दिशा में हुए परिवर्तन के चलते पूर्वी दिशा से द्रोणिका पश्चिम बंगाल व उड़ीसा से बस्तर होते हुए आंध्र-प्रदेश के विजयवाड़ा व हैदराबाद की ओर बनी हुई है, जिसके कारण बस्तर के कई इलाकों में वर्षा हो रही है तथा दिन के तापमान में भी कमी आयी है। अगले 48 घंटे तक बस्तर के कई इलाकों में बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर बूंदा-बांदी और हल्की बारिश की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक पीएल देवांगन ने बताया कि अगले 48 घंटे के अंदर तीन से चार डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी। इसके साथ ही एक बार फिर ठंड में भी बढ़ोतरी होगी। अब यदि सर्दी बढ़ती है तो यह इस महीने में कड़ाके की सर्दी का तीसरा दौर होगा। पहली जनवरी को सबसे कम 6.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकार्ड हुआ था। उसके बाद दूसरे हफ्ते में भी सर्दी बढ़ी थी।