Home देश प्रियंका का चुनावी दांव……महिला वोटरों को साधने की रणनीति या नई सियासी...

प्रियंका का चुनावी दांव……महिला वोटरों को साधने की रणनीति या नई सियासी जंग की शुरुआत

1
0
बिहार की सियासत में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा वोटर अधिकार यात्रा और उसमें प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री को लेकर है. कांग्रेस ने साफ किया है कि प्रियंका गांधी 26 और 27 अगस्त को बिहार आएंगी और राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के साथ मिलकर इस यात्रा को और मजबूती देंगी. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उनका यह दौरा हरतालिका तीज जैसे महत्वपूर्ण दिन पर हो रहा है, जब लाखों महिलाएं व्रत रखती हैं. यही वजह है कि अब इसे सिर्फ यात्रा का हिस्सा नहीं बल्कि महिला वोट बैंक पर बड़ी रणनीतिक चाल माना जा रहा है.
तीज और प्रियंका का चुनावी दांव
प्रियंका गांधी 26 अगस्त को सुपौल और 27 अगस्त को सीतामढ़ी में यात्रा का हिस्सा बनेंगी. सीतामढ़ी में वह जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी और महिला मतदाताओं से संवाद करेंगी. कांग्रेस इसे महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश बता रही है, लेकिन विपक्षी खेमे में इसको लेकर चर्चा है कि प्रियंका गांधी “तीज की धार्मिक-सामाजिक आस्था” को भुनाकर महिलाओं को प्रभावित करना चाहती हैं. खासकर इसलिए क्योंकि उत्तर बिहार का यह इलाका एनडीए का गढ़ माना जाता है और यहां की आधी आबादी यानी महिला वोटर चुनावी समीकरण बदल सकती हैं. सुपौल से मुजफ्फरपुर तक यात्रा में प्रियंका गांधी शामिल होंगी.
एनडीए बनाम कांग्रेस: महिला वोटों की सियासत
नीतीश कुमार लंबे समय से महिला वोट बैंक को साधने में सफल रहे हैं. चाहे आरक्षण की नीतियां हों या साइकिल-स्कूल योजना, महिलाओं के बीच उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है. ऐसे में कांग्रेस का यह कदम सीधे-सीधे नीतीश कुमार के कोर वोटरों पर सेंध लगाने जैसा है. पार्टी चाहती है कि तीज जैसे मौके पर प्रियंका गांधी महिलाओं के बीच अपनी छवि मजबूत करें और यह संदेश दें कि कांग्रेस भी महिला सशक्तिकरण की राजनीति में पीछे नहीं है.
राहुल-तेजस्वी संग प्रियंका की ‘त्रिकोणीय पिच’
वोटर अधिकार यात्रा पहले से ही बिहार की राजनीति में हलचल मचा रही है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इसकी अगुवाई कर रहे हैं, लेकिन प्रियंका गांधी की एंट्री इसे नया मोमेंटम दे सकती है. कांग्रेस की रणनीति साफ है राहुल गांधी युवाओं और बेरोजगारी का मुद्दा उठाएंगे, तेजस्वी यादव सामाजिक न्याय की राजनीति करेंगे और प्रियंका गांधी महिला वोटरों पर फोकस करेंगी. यह त्रिकोणीय पिच बिहार में विपक्ष की ताकत को एक नए स्तर पर ले जाने की कोशिश है.
नतीजा क्या होगा?
प्रियंका गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए दोहरी लड़ाई जैसा है. एक तरफ एनडीए के मजबूत महिला वोट बैंक को चुनौती देना और दूसरी तरफ बिहार में अपनी पार्टी को विपक्षी खेमे में प्रासंगिक बनाए रखना. यह दांव कितना असर डालेगा, यह तो लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन इतना तय है कि तीज वाले दिन प्रियंका गांधी का बिहार दौरा सियासी हलचल मचाने में पूरी तरह सफल रहा है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here