जिला मुख्यालय डी.एन.के. कॉलोनी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में बने 24 लाख रुपये लागत के नवनिर्मित अतिरिक्त कक्षका लोकार्पण क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम द्वारा दिनांक 25 जनवरी को किया गया। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्षतरसेम सिंह गिल, जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम एवं जनप्रतिनिधिगण श्रीमती राज मरकाम, तरुण गोलछा, गीता गुप्ता, आरतीनेताम, तुलाराम पोयाम, गीतेश गांधी, युसूफ खान, कार्यपालन अभियंता अरुण शर्मा, तहसीलदार ऋतु हेमनानी एवं छात्रों केपालकगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि जवाहर नवोदय विद्यालय में अतिरिक्त भवन की आवश्यकता एक वर्ष से महसूस कीजा रही थी। इस परिप्रेक्ष्य में परिसर के अंदर 6 कक्ष बनाये गए है।
इस दौरान विधायक ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में समय का प्रबंधन एवं अवसरो का सदुपयोग सर्वाधिक जरुरी होता है, चाहेटॉपर हो या सामान्य विद्यार्थी। हम सभी के पास 24 घंटे होते है और इन चैबीस घण्टो का उपयोग हम कैसे करते है ये स्वंयके ऊपर है। कहने का तात्पर्य यह है कि अगर इस अवसर या समय का सदुपयोग किया जाये तो हमें सफल होने से कोई रोकनहीं सकता और जवाहर नवोदय विद्यालय इसी अवधारणा के साथ ग्रामीण क्षेत्र के होनहार विद्यार्थियों को सफल होने का एकप्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। इस क्षेत्रो के प्रतिभावान छात्रो के लिए नवोदय विद्यालय से बढ़कर कुछ नहीं है क्योंकि जीवन मेंसफलता के बुनियादी गुर यही सिखाये जाते है। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति स्व.एपीजे अब्दुल कलाम के सार्वकालिकउद्धरण ‘‘सपने वे नहीं है जो हम सोते हुए देखते है, सपने वे है जो हमें सोने नहीं देते‘‘ का उदाहरण देते हुए कहा कि इस कथनको सभी छात्रों को अपने लक्ष्य का मूलमंत्र बना लेना चाहिए।
जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने इस अवसर पर अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि सर्वप्रथम वे स्कूल प्रबंधन एवं स्कूलप्राचार्य को साधूवाद देना चाहेंगे। जिन्होंने बहुत कम सुविधाओं के बावजूद कुशलतापूर्वक जवाहर नवोदय विद्यालय का संचालनकिया। जवाहर नवोदय विद्यालय का जिले में प्रारंभ होना केवल इसलिए जरुरी नहीं, कि यह ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान छात्रोंको पढ़ाई का उत्कृष्ट अवसर मुहैया कराता है बल्कि इसलिए कि इस संस्थान के माध्यम से स्थानीय छात्र देश की विविधबहुभाषीय संस्कृति एवं राष्ट्रीय एकता का बहुमूल्य पाठ सीखकर एक जिम्मेदार योग्य नागरिक बनते है। उन्होंने इस संदर्भ मेंलोहा एवं सोना का उदाहरण देते हुए कहा कि सोने और लोहा का प्रारंभ में कोई आकार नहीं होता, परन्तु आग में तपकर हीसोना कुंदन के रुप में निखरता है और लोहा भी भट्टी में तपगलकर एक सुदृढ़ आकार धारण करता है। विद्यार्थी जीवन में भीइसी प्रकार के कठिन मेहनत एवं परिश्रम की दरकार होती है, तत्पश्चात ही एक सफल व्यक्तित्व का निर्माण हो पाता है। छात्रोंको नसीहत देते हुए कलेक्टर ने कहा कि हर बच्चे के जीवन में माता उसकी प्रथम गुरु होती है और उसी माता के शिक्षा कोसही दिशा ज्ञान जवाहर नवोदय जैसे गुरुकुल से प्राप्त होता है। उन्होंने छात्रों से स्वंय से प्रतिस्पर्धा करने का आग्रह करते हुएकहा कि इस संस्थान से पढ़कर वे उच्चाधिकारी, राजनेता, इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक बनकर अपने घर-परिवार, गांव, जिले का नामरौशन करें।
इसके पूर्व जवाहर नवोदय स्कूल के प्राचार्य डॉ.संजय कुमार सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि 3 नवम्बर 2017से प्रारंभ हुए वर्तमान स्कूल में छठवी एवं सातवी के कक्षाऐं संचालित की जा रही है। जिनमें जिले के विभिन्न ब्लॉक के 109विद्यार्थी अध्ययनरत है। इसके अलावा शाला में 8 शिक्षको का स्टॉफ अपनी सेवाऐं दे रहा है। इस दौरान प्राचार्य ने शाला कोप्रारंभ करने में जिला कलेक्टर के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि शुरुवात में शाला के प्रारंभ होने के दौरान आ रहीकठिनाईयो को जिला कलेक्टर ने तत्परतापूर्वक समाधान किया, इसके लिए शाला परिवार उनका आभारी रहेगा। कार्यक्रम केसमापन पर उपस्थित विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।