“एलियन का परमाणु इंजन वाला स्पेसशिप! सौरमंडल में घुस आया रहस्यमय घुसपैठिया, चमक देखकर वैज्ञानिक हुए हैरान”
वॉशिंगटन: वैज्ञानिकों ने हमारे सौरमंडल में एक बाहरी घुसपैठिये के बारे में पता लगाया है जो सूर्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस साल की शुरुआत में पहली बार खोजे गए इस पिंड को खगोल वैज्ञानिकों ने 3I/ATLAS नाम दिया है।
अमेरिका के मैनहट्टन शहर के बराबर आकार वाला यह एक इंटरस्टेलर पिंड है। इंटरस्टेलर पिंड उन्हें कहा जाता है जो एक सोलर सिस्टम से दूसरे में स्वतंत्र विचरण करते हैं। यह 2017 में AI/Oumuamua और 2019 में 2I/Borisov के बाद देखा गया तीसरा अज्ञात इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है।
हबल अंतरिक्ष दूरबीन से इस ऑब्जेक्ट की तस्वीर लेने के बाद से खगलोविदों का उत्साह बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों को इसके आकार और रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने का दुर्लभ अवसर मिला है। सि़डनी विश्वविद्यालय की रेडियो खगोलशास्त्री डॉ लारा ड्रिसेन का कहना है कि ‘हमें ठीक से नहीं पता कि यह कहां से आया है, लेकिन यह निश्चित रूप से सौर मंडल के बाहर से आया है।’
कैसे किया गया नामकरण? इसका नाम I इंटरस्टेलर के पहले अक्षर से लिया गया है। वहीं, 3 से मतलब तीसरी ऐसी वस्तु जो खोजी गई है। एटलस उन दूरबीनों के नेटवर्क से लिया गया है, जिसने इसकी पहचान की। 21 जुलाई को हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने इसकी एक तस्वीर ली जिसमें यह पिंड सूर्य की ओर चमकता हुआ दिखाई दिया। यह चमक फैली होने के बजाय केंद्रित थी, जिससे वैज्ञानिक हैरान रह गए क्योंकि उन्हें उम्मीद थी यह एक सामान्य धूमकेतु जैसा होगा।
एलियन का यान को नहीं? इस चमक ने अटकलों को जन्म दिया है, जो इस बात पर केंद्रित हैं कि इस प्रकाश को किस चीज से ऊर्जा मिल रही है। कुछ लोग इसे एलियन से जोड़ रहे हैं। डेली मेल के अनुसार, लोएब ने एक बयान में कहा कि यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एक अंतरिक्ष यान हो सकता है। इसकी सामने की सतह से निकलने वाली धूल वो धूल हो सकती है तो इंटरस्टेलर यात्रा के दौरान इसकी सतह पर जमा हो गई थी।
हालांकि, वे मानते हैं कि यह दोनों धारणाएं असंभव है, लेकिन उनका तर्क है कि इन्हें अभी खारिज नहीं किया जा सकता है। शोधकर्ताओ ने हबल की छवि का उपयोग करके अनुमान लगाया है कि 3I/ATLAS का व्यास 5.6 किमी से कम और संभवतः 320 मीटर जितना छोटा हो सकता है।
कहां जा रहा है इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट? स्विनबर्न स्पेस टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री इंस्टीट्यूट की सह-निदेशक रेबेका एलेन का कहना है कि यह पिंड 200000 किमी प्रति घंटा से अधिक की गति से यात्रा कर रहा है। यह आंतरिक सौरमंडल यान मंगल और पृथ्वी की कक्षा के बीच से होकर गुजरेगा और फिर सूर्य के पास से गुजरेगा। यह उस कक्षा में है, जिसे हाइपरबोलिक ऑर्बिट कहा जाता है। इसलिए यह सूर्य से गुरुत्वाकर्षणद्वारा बंधा नहीं है। यह बहुत तेज गति से यात्रा कर रहा है, इसलिए सौरमंडल के दूसरी ओर से उड़ जाएगा’