“स्टॉक मार्केट में होगा बड़ा बदलाव, तैयारी में जुटी SEBI; इससे निवेशकों को कितना फायदा?”
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने बड़े कंपनियों के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग के नियमों को और भी आसान करने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत मिनिमम पब्लिक ऑफरिंग (MPO) की लिमिट को कम करने और मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) हासिल करने की समय सीमा को बढ़ाने की योजना है।
सेबी ने सोमवार को जारी एक कंसल्टेशन पेपर में बताया कि 50,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ रुपये की मार्केट वैल्यू वाली कंपनियों के लिए MPO को 10 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
शेयर पूंजी 5 से 2.5% करने का प्रस्ताव इसके अलावा 1 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू वाली कंपनियों के लिए MPS 6,250 करोड़ रुपये और लिस्टिंग के बाद 2.75 प्रतिशत शेयर पूंजी होगी, जो अभी 5 प्रतिशत है। 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक वैल्यू वाली कंपनियों के लिए कम से कम 15,000 करोड़ रुपये और 1 प्रतिशत शेयर पूंजी की पेशकश होगी, जिसमें कम से कम 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल होगी।
MPS के लिए क्या होगी डेडलाइन? सेबी ने 25 प्रतिशत मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) के नियम को पूरा करने की समय सीमा को बढ़ाने का सुझाव दिया है।
50,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ रुपये की कंपनियां: इन्हें 3 साल की बजाय 5 साल का समय मिलेगा। 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कंपनियां: अगर लिस्टिंग के समय पब्लिक शेयरहोल्डिंग 15 प्रतिशत से कम है, तो 5 साल में इसे 15 प्रतिशत और 10 साल में 25 प्रतिशत अगर लिस्टिंग के समय यह 15% से अधिक है, तो 5 साल में 25% MPS हासिल करना होगा।
सेबी क्यों करना चाहती है बदलाव? सेबी ने पहले 35% रिटेल कोटा को घटाकर 25% करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसे 35% पर ही रखने का फैसला किया है। सेबी का कहना है कि ये प्रस्ताव पूंजी निर्माण को बढ़ावा देंगे, कंपनियों के लिए फंड जुटाना आसान करेंगे और निवेशकों को बड़ी लिस्टिंग में हिस्सा लेने का मौका देंगे। इससे बाजार की क्षमता पर ज्यादा दबाव भी नहीं पड़ेगा।
इस सप्ताह मार्केट में 7 नए आईपीओ इस सप्ताह सात नए आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाले हैं, जिनमें से पांच मुख्य बाजार में और दो एसएमई क्षेत्र में हैं। नए आईपीओ के अलावा बाजार में सात नए आईपीओ लिस्ट भी होंगे। पिछले सप्ताह, बाजार में जेएसडब्ल्यू सीमेंट के आईपीओ की लिस्टिंग देखी गई, जिसने शुरुआती बढ़त 4 प्रतिशत से अधिक के साथ शुरू की, लेकिन लिस्टिंग के दिन मुनाफावसूली शुरू होने के कारण आईपीओ मूल्य से नीचे फिसल गया।