”हर साल विश्व मानवतावादी दिवस 19 अगस्त को मनाया जाता है. ऐसे में यहां जानते हैं इसका इतिहास, महत्व और थीम”
विश्व मानवतावादी दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई, जानें इतिहास ..
19 अगस्त 2003 में बगदाद में संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर पर आतंकवादी हमले में करीब 22 लोग मारे गए थे, जिसमें समाज सेवक सर्जियो विएरा डी मेलो भी शामिल थे. इस विस्फोट ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया. दुनिया ने ये महसूस किया कि ह्यूमैनिटेकरियन वर्कर्स भी युद्धक्षेत्र में हीरो की तरह जान जोखिम में डालते हैं. मानवतावादियों को श्रद्धांजलि देने और उन्हें याद करने के लिए विश्व मानवतावादी दिवस की स्थापना की गई. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने साल 2008 में 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया.इसके बाद 2009 में पहली बार विश्व मानवतावादी दिवस आधिकारिक तौर पर मनाया गया, जिसके बाद हर साल 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है.
कौन थे सर्जियो विएरा डी मेलो? समाज सेवक सर्जियो विएरा डी मेलो का जन्म ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में हुआ था. उनके पिता एक राजनयिक और इतिहासकार थे. सशस्त्र संघर्ष के पीड़ितों की मदद करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि दुनिया उन्हें नहीं भूले इसके लिए मेलो ने तीन दशकों से अधिक समय तक अथक रूप से काम करते रहे. जागरूकता उनके अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. बता दें कि सर्जियो ने विश्व मानवतावादी दिवस को आधिकारिक मान्यता दिलाने लिए एक मसौदे को खींचने का भी प्रयास किया था.