सरकारी स्कूलों पर पढ़ने वाले बच्चों के पोषक को ध्यान में रखते हुए मिड डे मील योजना संचालित की जा रही है, जिसमें सालाना करोड़ों रुपए खर्च कर पोषणयुक्त मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) देखकर शिक्षा से नियमित जोड़े रखने का प्रयास कर रही है, लेकिन बलरामपुर जिले में स्कूल से चावल की बोरियां भरकर बाजार में बिक्री करने के लिए ले जाने की तस्वीर सामने आई है. जिससे शिक्षा विभाग में पूरी तरह से हड़कंप मचा हुआ है. वहीं इस मामले के बाद अब विभाग पर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
ग्रामीणों ने वायरल कर दिया वीडियो
ये पूरा मामला बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड क्षेत्र में आने वाले मेघुली गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक शाला का है. जहां स्कूल में मध्याह्न भोजन के लिए रखे चावल को अवैध तरीके से निजी वाहन में भरकर बाजार बिक्री के लिए ले जाया जा रहा था. इस घटना को ग्रामीणों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया, फिर सोशल मीडिया पर वीडियो को वायरल किया. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले की लिखित शिकायत कर जांच की मांग भी की है.
ग्रामीणों का क्या कहना है?
प्रत्यक्षदर्शी एवं ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले स्कूल में करीब 4 बजे एक लोडिंग गाड़ी पहुंची, जहां प्रधान पाठक की मौजूदगी में स्टोर रूम से चावल की बोरियां निकाल कर गाड़ी में लोड की जा रही थी. इस पूरे मंजर को जब ग्रामीणों ने देखा तो मौके पर पहुंचे और पहले तो अपने मोबाइल से वीडियो बनाया फिर प्रधान पाठक से पूछताछ की तो आनन-फानन में गाड़ी पर लोड़ की गई बोरियां प्रधान पाठक के द्वारा उतरवा कर फिर से स्टोर रूम में रखवा दी गई और लोग वहां से भाग निकले.
अधिकारी ने क्या कहा?
इस पूरे मामले को लेकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी सदानंद कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं. सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी के नेतृत्व में टीम भेजी गई है. इस मामले पर जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ऊपर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.