छत्तीसगढ़ में बड़ा जमीन घोटाला हुआ है. सरकार की ऑनलाइन भूइयां साइट में गड़बड़ी कर सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन को निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया गया है. इतना ही नहीं सरकार की इन जमीनों को बैंकों में बंधक रख निजी व्यक्तियों द्वारा करोड़ों रुपये लोन लेने का भी आरोप है. ताजा मामला दुर्ग जिले के मुरमुंदा पटवारी हल्का से जुड़ा है. मुरमुंदा हल्का के मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा, बोरसी गांवों में बड़े पैमाने पर जमीनों की हेराफेरी पकड़ी गई है. इन गांवों में 250 एकड़ से अधिक शासकीय और निजी जमीनों का फर्जी तरीके से बटांकन कर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया गया है. मामले की जानकारी लगते ही विभाग ने आनन-फानन में जांच शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के भू-राजस्व अभिलेख शाखा के आयुक्त को भी मामले की जानकारी दी है. साथ ही इस बात का पता लगाने का अनुरोध किया है कि आखिर ऑनलाइन किसकी आईडी से गड़बड़ी हुई.



अकेले अछोटी गांव में 191 एकड़ का घपला
जमीन घोटाला मामले के इनपुट पर NDTV की टीम ने भी पड़ताल की तो कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं. तहसील कार्यालय, पटवारी दफ्तर, राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिले इनपुट से हमें पता चला कि सबसे बड़ी गड़बड़ी अछोटी गांव में हुई है. यहां बेशकीमती शासकीय जमीनों पर 52 बोगस खसरा नंबर जारी कर 191 एकड़ से ज्यादा जमीनों की हेराफेरी की गई है. इन जमीनों का बड़ा पैच मुख्य मार्गों से लगा है, जिसकी बाजार में वर्तमान कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है. मामला सामने आने के बाद सभी बोगस खसरा को संदिग्ध मानकर तहसीलदार स्तर पर जांच की जा रही है. ऑनलाइन डिजिटल सिग्नेचर बी-1 की कॉपियों से हटा दिए गए हैं. फिलहाल इतने बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.