एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पाराडोल अंतर्गत हरकाटन पारा इन दिनों स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है. क्षेत्र में लगातार मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन यहां की सबसे बड़ी समस्या है जर्जर और उबड़-खाबड़ सड़क, जिससे इलाज के लिए समय पर एम्बुलेंस तक पहुँचना भी मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों को करीब 3 किलोमीटर की दूरी कीचड़ और गड्ढों से भरी सड़क पर पैदल तय करनी पड़ती है, जिससे मरीजों की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है.
गांव में रास्ता ही नहीं
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, हरकाटन पारा में मौसमी बीमारियों के साथ-साथ त्वचा रोग, बुखार, दस्त और अन्य संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं. गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए दूर के स्वास्थ्य केंद्रों में जाना पड़ता है. लेकिन गांव तक एम्बुलेंस पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है, जिससे गंभीर रूप से बीमार मरीजों को झोले या खाट पर लादकर सड़क तक लाया जाता है.
ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है, वर्षों से सड़क की हालत खराब है, लेकिन अब तक न तो किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने कोई ठोस पहल की. बारिश के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं, जब सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो जाती है और मरीजों को अस्पताल पहुंचाना चुनौती बन जाता है.
ग्रामवासी ने बताया कि बीते एक सप्ताह में दर्जनों लोग बीमार पड़े हैं, लेकिन समय पर इलाज न मिलने से स्थिति बिगड़ रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी अब तक क्षेत्र में कोई स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया गया है.
ग्रामीणों की क्या है मांग?
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल सड़क मरम्मत की व्यवस्था की जाए और गांव में स्वास्थ्य टीम भेजी जाए, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके. उनका कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्या की अनदेखी की गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे.