छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को आवश्यक परीक्षण बिंदु के आधार पर तथ्यों की पुष्टि करने को कहा है।
आयोग के प्रभारी सचिव ने कहा है कि वे सुनिश्चित कर ले कि संबंधित विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम-2005 के अंतर्गत अधिसूचित है और उनके परीनियम एवं अध्यादेश छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र में प्रकाशित हो चुके है। इसके प्रकाशन के उपरांत ही विद्यार्थियों का प्रवेश दिया जा सकता है।
इस बात की पुष्टि भी कर ले कि निजी विश्वविद्यालयों में संचालित संस्थान/अध्ययन शाला, विश्वविद्यालय की एक संघटक इकाई है। यह कोई संबद्ध महाविद्यालय, शिक्षण संस्थान, शोध संस्थान नहीं है, क्योंकि निजी विश्वविद्यालय एकात्मक स्वरूप के हैं एवं इन्हें किसी अन्य महाविद्यालयों को संबद्ध करनेकी अनुमति नहीं है।
इस बात की पुष्टि भी कर ले कि पाठ्यक्रम-डिग्री आदि, जिसमें प्रवेश लिया जा रहा है, यूजीसी द्वारा अनुमोदित है एवं राजपत्र में प्रकाशित अध्यादेशों में इस पाठ्यक्रम से संबंधित अध्यादेश भी शामिल है।
इसी तरह यह भी सुनिश्चित कर ले कि पी.एच.डी. की उपाधि के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पी.एच.डी. उपाधि के लिए न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया) विनियम, 2022 प्रभावशील है। जिस विषय में पी.एच.डी. पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जा रहा है, उस विषय पर विद्यार्थी यह सुनिश्चित कर लें कि संबंधित निजी विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में मानदण्डों के अनुरूप योग्यता प्राप्त शोध निर्देशक नियमित रूप से पदस्थ है। बाहर के शोध निर्देशकों की सेवाएं लेकर शोध कार्य कराना यू.जी.सी. विनियम-2022 की भावना के प्रतिकूल है।