भोपाल की सड़कों पर इन दिनों एक अनोखी गाड़ी लोगों का ध्यान खींच रही है. बोलेरो जैसी दिखने वाली यह गाड़ी फुल्ली ऑटोमेटिक है, जिसे चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं पड़ती. इसे भोपाल के इंजीनियर संजीव शर्मा ने तैयार किया है, जिन्होंने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की है. संजीव ने इस गाड़ी को बनाने में आठ साल लगाए. पिछले साल ही इसका सफल ट्रायल किया.
राजधानी में अब भी यह गाड़ी बिना ड्राइवर के खुद-ब-खुद रास्ता तय करती नजर आ जाती है. खास बात ये कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियर संजीव शर्मा की ये ड्राइवरलेस कार अगले साल तक मार्केट में आ सकती है. संजीव शर्मा अपने स्टार्टअप के जरिए इस कार को इंटरनेशनल मार्केट तक ले जाने की तैयारी में हैं. बताया गया कि ये गाड़ी AI की मदद से कंट्रोल होती है. इसकी अधिकतम रफ्तार 60 km/h है.
गाड़ी की ये खूबियां
सबसे खास बात ये कि यह गाड़ी सामने आने वाली गाड़ियों और इंसानों को पहले से देखकर अपना रास्ता बदल लेती है. रोबोटिक तकनीक की मदद से यह गाड़ी सामने से आने वाले वाहनों को साइड भी देती है. पैदल यात्रियों का भी ध्यान रखती है. लंबी दूरी की यात्रा में यह गाड़ी बेहद मददगार साबित हो सकती है. इसे एक बार स्टार्ट कर देने के बाद इंसानी दखल की जरूरत नहीं पड़ती. संजीव का कहना है कि उन्होंने इसे भारतीय सड़कों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया है.
लोगों के बीच पहुंचाने की तैयारी
यह भारतीय गाड़ी किसी फिल्मी टार्जन की वंडर कार से कम नहीं लगती. अपनी खासियतों की वजह से यह गाड़ी भोपाल में चर्चा का केंद्र बनी रहती है. लोग इसे देखने के लिए खासतौर पर आते हैं. संजीव शर्मा अब इसे लॉन्च करने का मन बना चुके हैं, ताकि यह तकनीक आम लोगों की जिंदगी आसान बनाए. भारत के हर हिस्से में उपयोगी साबित हो.