सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), खड़गपुर में छात्रों की आत्महत्या पर चिंता व्यक्त की और पूछा, “आईआईटी खड़गपुर में क्या गड़बड़ है? छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?”
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ के समक्ष सोमवार को यह मामला आया. पीठ ने आईआईटी खड़गपुर और शारदा विश्वविद्यालय में छात्रों की आत्महत्या के मामलों का स्वतः संज्ञान लिया है. शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था और वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट को न्यायमित्र नियुक्त किया था और उनसे मामले में विस्तृत जानकारी देने को कहा था.
25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की एक अलग पीठ ने कहा था कि जीवन के अधिकार का मतलब केवल प्राणी का अस्तित्व नहीं है, बल्कि सम्मान, स्वायत्तता और कल्याण का जीवन है और इस दृष्टिकोण में मानसिक स्वास्थ्य को प्रमुख स्थान दिया गया है. साथ ही अदालत ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के बीच आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए थे.
सोमवार को सुनवाई के दौरान दोनों संस्थानों के वकीलों ने पीठ को बताया कि दोनों घटनाओं के संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
पीठ ने कहा, “आईआईटी खड़गपुर में क्या गड़बड़ है? छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?” पीठ ने संस्थानों से पूछा कि क्या उन्होंने इस मुद्दे पर विचार किया है.
आईआईटी खड़गपुर की ओर से एक वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि इस मुद्दे की जांच के लिए 10 सदस्यीय समिति गठित की गई है और बताया कि वहां एक परामर्श केंद्र भी है. वकील ने बताया कि एक फोन नंबर भी उपलब्ध कराया गया है, जिस पर कभी भी कॉल किया जा सकता है. पीठ को बताया गया कि संबंधित अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे छात्रों की पहचान कर रहे हैं.
पीठ ने कहा, “हमें सूचित किया गया है कि जहां तक शारदा विश्वविद्यालय में हुई घटना का सवाल है, मृतक के पिता द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और जांच प्रगति पर है, इसे कानून के अनुसार आगे बढ़ने दें…”
आईआईटी खड़गपुर की घटना के संबंध में, पीठ ने कहा कि उसे बताया गया है कि आत्महत्या की सूचना मिलने के 30 मिनट के भीतर ही प्रबंधन ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी. पीठ ने कहा, “इस संबंध में जांच भी जारी है. जांच सही दिशा में जारी रहे.” पीठ ने मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद तय की है.
एक वकील ने पीठ को बताया कि 4 जून को आईआईटी दिल्ली में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पीठ ने न्यायमित्र से मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा.
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय के छात्रावास में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस के आने से पहले ही विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने उसका शव हटा दिया था. न्यायमित्र ने अदालत को बताया कि पुलिस अधिकारियों का दावा है कि अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई, क्योंकि कई लोगों के उंगलियों के निशान थे.
आईआईटी खड़गपुर की मैकेनिकल इंजीनियरिंग की चौथे वर्ष की छात्रा रीतम मंडल ने 18 जुलाई को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. वह कोलकाता की रहने वाली थी और पांच साल के दोहरी डिग्री कार्यक्रम में अध्ययन कर रही थी. इस साल जनवरी से आईआईटी खड़गपुर परिसर में आत्महत्या का यह चौथा मामला था. आईआईटी खड़गपुर मामले में, रजिस्ट्रार ने न्याय मित्र को सूचित किया कि हालांकि पोस्टमार्टम हो चुका है, लेकिन अभी तक विस्तृत जानकारी नहीं मिली है.