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आखिर क्यों पाकिस्तान में सेना और सरकार की कभी नहीं बनती,

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भारत से तनाव के बीच ये खबरें आ रही हैं कि इन दिनों पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच जबरदस्त टेंशन है. सरकार जो कुछ चाहती है, सेना वो मानना नहीं चाहती. उसे ये तो बिल्कुल पसंद ही नहीं कि सरकार बताए कि क्या करना है और क्या नहीं. दोनों हमेशा अलग राह चलते हैं. दुनिया में शायद कोई ऐसा देश हो जहां सेना और सरकार के बीच हमेशा 36 का आंकड़ा रहता हो. कहा जाता है कि पाकिस्तान में बनने वाली कोई भी सरकार सबसे ज्यादा अगर किसी से डरती है तो अपनी ही सेना से.

पाकिस्तान में सेना का प्रभाव और उसकी राजनीतिक भूमिका एक जटिल और गहरा विषय है. ये बात पाकिस्तान के लिए हर कोई कहता रहा है कि वहां सेना और सरकार के बीच कभी नहीं बनती. कई मायनों में सेना की ताकत और प्रभाव सरकार से कहीं ज्यादा है.

पाकिस्तान की स्थापना 1947 में भारत के विभाजन के साथ हुई. तब से ही सेना देश की राजनीति में एक प्रमुख शक्ति रही है. पाकिस्तान को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा – आर्थिक अस्थिरता, क्षेत्रीय विवाद से लेकर आंतरिक तनाव तक. इसमें सेना ने खुद को सुरक्षा के रक्षक के रूप में स्थापित किया