प्रिंटिंग माफियाओं पर सरकार सख्त : वित्त सचिव ने जारी किया आदेश, कहा छत्तीसगढ़ संवाद के अलावा कहीं और से पुस्तकें, विज्ञापन छपवाई तो नहीं होगा भुगतान, दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
प्रिंटिंग के नाम पर पैसों की बर्बादी रोकने छत्तीसगढ़ सरकार ने सख्ती बरती है. वित्त विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने सरकार के विभिन्न विभागों, उपक्रमों, मंडलों एवं अर्द्धशासकीय संस्थाओं के विज्ञापन, मुद्रण एवं प्रचार-प्रसार संबंधी कार्य छत्तीसगढ़ संवाद से कराए जाने का आदेश सभी विभागों को जारी किया है. उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ संवाद के माध्यम से कराए कार्यों का ही नियमानुसार भुगतान होगा. निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित अधिकारी उत्तरदायी होंगे और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी !
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद 21 अगस्त 2001 को राज्य सरकार ने सरकारी विज्ञापन, प्रचार-प्रसार संबंधी कार्य और पुस्तकों की प्रिटिंग का काम संवाद से कराने का आदेश विभागों को जारी किया था. 2018-19 में भी सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर शासन के सभी विभाग, उपक्रम, निगम, मंडल, विश्वविद्यालय, आयोग एवं अर्द्धशासकीय संस्थाएं अपनी उपलब्धियों, योजनाओं व कार्यक्रमों पर आधारित विज्ञापन राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग की सहयोगी संस्था “छत्तीसगढ़ संवाद के माध्यम से अनिवार्यतः जारी कराने के निर्देश दिए थे.
इसके अलावा सभी तरह के प्रकाशन, प्रचार सामग्री, पुस्तिका एवं पुस्तकों का मुद्रण, विज्ञापन, होर्डिंग्स एवं प्रचार-प्रसार सामग्रियों के डिजाइन, फिल्म और वृत्तचित्रों का निर्माण आदि कार्य भी छत्तीसगढ़ संवाद के माध्यम से ही कराने की बात कही थी, ताकि सभी काम राज्य शासन की मंशा के अनुरूप हो, मगर प्रिंटिंग माफिया पिछले 10 साल से अपने उच्च संपर्कों के जरिए आदेश को ठेंगा दिखाते हुए पाठ्यपुस्तक निगम और सरकारी प्रेसों से करोड़ों की पुस्तक छपाई का आर्डर ले रहे थे. कतिपय संस्थाएं छत्तीसगढ़ संवाद के माध्यम से काम नहीं करा रहे रहे थे, जो शासकीय निर्देशों के अनुरूप नहीं था. इस पर लगाम लगाने वित्त सचिव ने सख्त निर्देश दिया है