छत्तीसगढ़ : नारायणपुर जिले के घमड़ी जंगल में मंगलवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में मरे गए 5 नक्सली…पुलिस अधिकारियों ने इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। तलाशी अभियान जारी है।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। जंगल में नक्सलियों के मूवमेंट का इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा बलों की टीम ने ऑपरेशन चलाया था। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि कोहकामेटा थाना क्षेत्र के अबूझमाड़ जंगल में उस समय मुठभेड़ शुरू हो गई, जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। जंगल में नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों की टीम मौके पर पहुंची थी। जवानों के मौके पर पहुंचने के बाद नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिस पर सुरक्षा बलों की ओर से जवाबी फायरिंग की गई। मुठभेड़ में 5 नक्सली मारे जा चुके हैं।
एक अन्य अधिकारी ने नाम नहीं छपने की शर्त पर बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने रविवार को ऑपरेशन की शुरुआत की थी। यूनिवार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, मौके पर डीआरजी, एसटीएफ, बीएसएफ समेत आईटीबीपी के 1500 जवान मौजूद हैं। महाराष्ट्र की सीमा से लगे अबूझमाड़ के घमड़ी के जंगल में सुरक्षा बलों का यह पांचवा बड़ा ऑपरेशन है।
कोहकामेट थाना के क्षेत्र में तलाशी अभियान अब भी जारी है। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि कई नक्सली घायल भी हुए हैं। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान सुरक्षा बल मानसून के दौरान नक्सल विरोधी अभियान चलाते आए हैं। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इस साल भी मानसून सीजन में सुरक्षा बलों की ओर से अभियान चलाए जाएंगे।
एएनआई के मुताबिक, आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन को लेकर सुरक्षा बलों का मनोबल बहुत ऊंचा है। नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि नक्सल गतिविधियों का खात्मा किया जा सके। सुरक्षा बलों ने अंदरूनी इलाकों में घुसकर कैंप स्थापित किए हैं। इससे नक्सलियों की जमीन खिसक गई है। नक्सलियों के कॉरिडोर को ब्लॉक कर दिया गया है। यही नहीं उनकी फंडिंग चेन को चोट पहुंचाई है। इससे नक्सली बैकफुट पर हैं।