छत्तीसगढ़ : साल 2024 के शुरू हुए 3 महीने में ही जवानों ने बस्तर संभाग के अलग-अलग नक्सल प्रभावित जिलों में 43 नक्सलियों का एनकाउंटर किया है. साथ ही 181 नक्सलियो को गिरफ्तार किया है जबकि 120 ने आत्म समर्पण किया है.
नक्सलियो के साथ हुए एनकाउंटर में जवानों ने उनके कई बड़े लीडरों को भी मार गिराया है जिनकी पुलिस पिछले लंबे समय से तलाश कर रही थी. पुलिस ने इनसे बड़ी मात्रा में नक्सलियों का विस्फोटक सामान, उनका हथियार और दैनिक सामान भी जवानों ने बरामद किया है. वहीं नक्सलियों के गढ़ में पुलिस ने 3 महीने में अब तक 19 पुलिस कैंप स्थापित कर दिए हैं, जिनमें से खूंखार नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में खोला गया कैंप पुलिस के लिए काफी बड़ी उपलब्धि साबित हुई है.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ महीनो से स्थानीय और अर्धसैनिक बल आपसी तालमेल के साथ नक्सल विरोधी अभियान में नई रणनीति बनाकर काम कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि जवानों को लगातार नक्सली संगठन को कमजोर करने में सफलता हासिल हो रही है. जिन इलाक़ो को नक्सली अपने लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना सोचते थे और अब इन इलाकों में भी जवान अपनी पैंठ जमाकर एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल कर रहे हैं.
आईजी ने बताया कि इन तीन महीनो में ही नक्सलियों के अलग-अलग कोर इलाकों में 19 नये पुलिस कैंप स्थापित किए गए हैं, और यहां बस्तर बटालियन ,बस्तर फाइटर , DRG और सीआरपीएफ कोबरा के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों के द्वारा ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर लगातार नक्सलियों को उनके ही इलाके में मुंह तोड़ जवाब दिया जा रहा है और उनके अस्थाई कैंप को ध्वस्त करने में जवान सफलता हासिल भी कर रहे हैं.
बस्तर के आईजी से मिली आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में अब तक कुल 43 माओवादियों के मुठभेड़ के पश्चात शव बरामद किया गया है. इसके अलावा 181 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 120 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया है.
इस साल नक्सल इलाकों में बीजापुर जिले में 8, सुकमा जिले में 6, नारायणपुर में 3, दंतेवाड़ा में 1 और कांकेर में 1 सहीत कुल 19 नये पुलिस कैम्प खोले गए है. आईजी ने बताया कि अलग-अलग जिलों में चलाए गए नक्सली विरोधी अभियान के तहत बीजापुर जिले में 27, दंतेवाड़ा में 5, कांकेर जिले में 5 सुकमा जिले में 4 नारायणपुर जिले में 2 नक्सलियों के शव मुठभेड़ के बाद पुलिस ने बरामद किए हैं.
उन्होंने बताया कि पिछले तीन-चार महीनो में नक्सली गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और पुलिस सुरक्षात्मक रवैया त्याग कर अब आक्रामक तेवर अपना रही है. जैसे ही जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी दिखाई देती है, बिना देरी के पुलिस के जवान उस इलाके में हमला बोल देते हैं. जवानों के सक्रियता और आक्रामकता से लगातार मुठभेड़ में नक्सली मारे जा रहे हैं और जवानों के भय से कई नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं.