छत्तीसगढ़ : बीजापुर-सुकमा के सीमावर्ती इलाके में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो रही है. दोनों के बीच भारी फायरिंग की खबर है. यह मुठभेड़ उस वक्त हो रही है, जब जवान गुंडम गांव में अपना नया कैंप खोल रहे हैं.
इस मौके पर बीजापुर के सारे आला अधिकारी मौजूद हैं. बता दें, गुंडम घोर नक्सल प्रभावित इलाका है. अभी तक फोर्स यहां जाने में डरती थी, क्योंकि यहां नक्सलियों की बटालियन काम करती है. गौरतलब है कि जब से पुलिस छत्तीसगढ़ के सुदूर इलाकों में नए कैंप लगा रही है, तभी से नक्सलियों ने हमले तेज कर दिए हैं.
11 फरवरी को भी जगरगुंडा थाने से नक्सलियों ने 4 लोगों को अगवा कर लिया था. वे अपने साथ उनकी जेसीबी भी ले गए थे. अगवा किए सभी लोग नल जल मिशन योजना पर काम कर रहे थे. इन सभी को जगरगुंडा के सुदूर इलाके सिंगराम से अगवा किया गया था. यह इलाका घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. यह बीजापुर व सुकमा का सरहदी इलाका है. यहां नक्सली जो चाहते हैं वो करते हैं. हालांकि, बाद में नक्सलियों ने उन्हें छोड़ दिया था. बंधकों ने वापस आकर बताया था कि नक्सलियों ने उनकी जेसीबी वहीं रख ली है. सेना के मूवमेंट के साथ-साथ नक्सलियों ने अब सुकमा में वारदात तेज कर दी हैं.
सेना पर किया था बड़ा हमला
नक्सलियों ने 30 जनवरी को भी जवानों पर बड़ा हमला किया था. इस मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए थे, जबकि, 14 जवान घायल थे. यहां हालात इस तरह के बन गए थे कि घायल जवानों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट करना पड़ा था. उस दिन भी कोबरा और एसटीएफ ने नक्सलियों के कोर इलाके में दस्तक दी थी. उनकी दस्तक होते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी. नक्सली नहीं चाहते थे कि सुरक्षाबल इस इलाके में कैंप स्थापित करें. जिस जगह मुठभेड़ हुई वो वही जगह थी जहां अप्रैल 2021 में जवानों पर नक्सलियों ने हमला बोला था. इस हमले में 22 जवान शहीद हुए थे.
इजराइल-हमास पैटर्न पर हमले की तैयारी में माओवादी
सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि अब माओवादियों ने अपने संगठन को बचाने और बड़े नेताओं को सुरक्षित रखने के लिए गुरिल्ला युद्ध की तैयारी कर ली है. वे इजराइल-हमास पैटर्न पर अबूझमाड़ क्षेत्र में गुफा बना रहे हैं. उन्होंने तालिबानियों की तरह छुपने के अड्डे बनाए हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब हाल ही में सेना को दक्षिण बस्तर में इस तरह की गुफा मिली. इस गुफा नुमा बंकर मिलने के बाद सेना ने पूरे इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है. सेना इसे बड़ी चुनौती मानकर चल रही है.