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छत्तीसगढ़ : रामलला दर्शन योजना के तहत के दुर्ग रेलवे स्टेशन से पहली ट्रेन सात फरवरी को रवाना होगी।

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अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। इसके लिए देश-प्रदेश में व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।

‘मोदी की गारंटी’ यानी बीजेपी के घोषणा पत्र में किए वादे के अनुसार, रामलला दर्शन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से पहली ट्रेन सात फरवरी को रवाना होगी।


सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी से जुड़े संकल्प पत्र में रामलला दर्शन से जुड़ी एक योजना भी है। 22 तारीख को अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम विराजित हो रहे हैं। योजना के तहत लोगों को छत्तीसगढ़ से अयोध्या तक ट्रेन से भेजा जाएगा। सात तारीख को पहली ट्रेन रवाना की जाएगी। इस योजना को छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल लागू करेगा और बजट पर्यटन विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा। हर साल लगभग 20 हजार यात्रियों को अयोध्या यात्रा पर ले जाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी, 18 से 75 आयु वर्ग के जो जिला मेडिकल बोर्ड की ओर से स्वास्थ्य परीक्षण में सक्षम पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की पात्रता होगी। दिव्यांगजनों के लिए यथासंभव उनके परिवार से कोई एक सदस्य साथ में रहेंगे। प्रथम चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके बाद अन्य आयु वर्ग के लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी। प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में श्री रामलला दर्शन समिति बनायी जाएगी। प्रत्येक समिति की ओर से अनुपातिक कोटा के अनुसार हितग्राहियों का चयन किया जाएगा।

इस यात्रा की दूरी लगभग 900 किलोमीटर होगी। इसके लिए भारतीय रेलवे केटरिंग एवं टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के साथ छत्तीसगढ़ मंडल से एमओयू किया जाएगा। आईआरसीटीसी की ओर से यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्थलों के दर्शन, स्थानीय परिवहन और एस्कार्ट की व्यवस्था की जाएगी। हितग्राहियों को उनके निवास से निर्धारित रेलवे स्टेशन तक लाने एवं वापस ले जाने की व्यवस्था संबंधित जिला कलेक्टर की ओर से जाएगी। इसके लिए उन्हें बजट उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक जिले से यात्रियों के साथ एक सक्षम शासकीय अधिकारी अथवा एक छोटा दल भेजा जाएगा।

यात्री दुर्ग-रायपुर, रायगढ़ एवं अंबिकापुर से रेल से गन्तव्य स्थल के लिए रवाना होंगे। यात्रा का मूल गन्तव्य अयोध्या धाम रहेगा। इसके अलावा वाराणसी में एक दिन का रात्रि विश्राम, काशी विश्वनाथ मंदिर एवं कॉरीडोर और गंगा आरती का दर्शन का लाभ भी यात्रियों को मिल सकेगा। भविष्य में ट्रेन की उपलब्धता अनुसार यात्रियों की संख्या में वृद्धि की जा सकेगी।