छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में गेज नदी पर रियासत काल के समय निर्मित पुलिया लम्बे समय तक अपनी सेवाएं अच्छी गुणवत्ता के निर्माण कार्य के कारण आज भी दे रहा है. सड़क पर यातायात के दबाव और जरूरत को ध्यान में रखते हुए पुराने पुल के बगल में एक नये पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति मिली. लगभग एक साल पहले शुरू हुए उस पुल निर्माण कार्य का निर्धारित समय पूरा हो जाने के बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है. यदि यह कहा जाये कि पुल निर्माण की प्रगति धीमी है तो कोई गलत न होगा.
मुक्तिधाम के पास एनएच 43 में गेज उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य कराने प्रशासकीय स्वीकृति 313.75 लाख रुपये गत 21.02.2022 को हुई. इस पर तकनीकि स्वीकृति 310.64 लाख रुपये 15.03.2022 को हुई. पुल की लम्बाई 72 मीटर, सब स्टक्चर अबलमेंट आर.सी.सी. बाक्स, पीयर-आरसीसी सालिड सर्कुलर टाईप पहुंच मार्ग लम्बाई 100 मीटर बैकुण्ठपुर की ओर 50 मीटर और अम्बिकापुर की ओर 50 मीटर निर्धारित है.
पुल निर्माण का कार्य 9 जनवरी 2023 को शुरू किया गया और पूर्णता की तिथि 8 दिसम्बर 2023 निर्धारित की गई. लेकिन पूर्णता तिथि बीत जाने के बाद भी अभी निर्माण कार्य अधूरा है. ऐसे में इसे पूरा होने में कुछ और महीने लग सकते हैं.
आवश्यक सुरक्षा के इंतजाम नहीं
पुल निर्माण कार्य शूरू होने से पहले ही मुक्ति धाम की तरफ से पुराने पुल और मुक्तिधाम दीवार तक सुरक्षा के बैरीकेड लगाये जाने चाहिए थे. साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश संबंधी बोर्ड दोनों ओर बड़े अक्षरों के साथ रेडियम पट्टी के साथ लगाये जाने चाहिए थे ताकि आने वाले वाहन रात को भी निर्माण संबंधी स्थल को दूर से समझ सकें. निर्माण से पहले और निर्माण के दौरान सुरक्षा के कई मापदण्ड पहले ही तय किये जाते हैं. लेकिन एस्टिमेशन के अनुसार सुरक्षा के मापदण्ड का पालन नही हो रहा है. लेकिन इस दिशा में निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार तकनीकि अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया. आज भी इस ओर से आवश्यक कड़े सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं. ऐसे में कभी भी कोई तेज गति से आती हुई वाहन सीधे पुल से नीचे गिर सकती है. वर्तमान में लगाया गया सूचना संकेत प्रयाप्त मापदण्डों के अनुसार नहीं है
गौरतलब है कि पूर्व में भी इसे लेकर सचेत किया गया लेकिन जिम्मेदार विभाग व प्रशासन इस संबंध में मौन रहा. काम करने वाले मजदूरो व कामगरो का पंजीयन श्रम कार्यालय में होना चाहिए, कार्य के दौरान उन्हें सुरक्षा के आवश्यक कीट प्रदान किया जाना चाहिए इसकी भी जांच जरूरी है कि उक्त नियमों का पालन हो रहा है कि नहीं.
शिकायतों के अनुसार उक्त करोड़ों रूपए के हो रहे उच्च स्तरीय पुल निर्माण की निगरानी तकनीकी अधिकारियों को नियमित रूप से करनी चाहिए. इसके लिए उप अभियंता व अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण के लिए संभाग को सौपा गया है, लेकिन कार्य के दौरान उपस्थिति तो दूर समय समय पर निगरानी व स्थल निरीक्षण के लिए भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं आते.