Home News हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सेव हसदेव के लोगों ने राष्ट्रपति...

हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सेव हसदेव के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन, जताया विरोध

168
0

हसदेव अरण्य के पर्यावरण को बचाने के लिए 2 जनवरी को कोरबा में आज मानव श्रृंखला आयोजित की गई. सुबह 11 बजे से शुरु हुए इस आयोजन में स्वच्छ पर्यावरण से जुड़े संदेशों पर बातचीत की गई.  वहीं साथी कोरबा कलेक्टर ने इस दौरान राष्ट्रपति के नाम से एक ज्ञापन सौंपा है. यह आयोजन कोरबा कलेक्टर के सामने हुआ, जिसमें जिले के पर्यावरण संरक्षकों ने भाग लिया.

इतने पेड़ों की हो चुकी है कटाई
पर्यावरण प्रेमी अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान के द्वारा कोयला खदान के लिए कट रहे छत्तीसगढ़ के जंगल हसदेव अरण्य को रोकने की मांग की गई. अब जिले के पर्यावरण संरक्षकों द्वारा 2 जनवरी को हसदेव के जंगल को बचाने की मांग को लेकर कोरबा कलेक्टर ऑफिस के सामने मानव श्रृंखला बना कर विरोध जताया गया. साथ ही इन संरक्षकों ने  जिलाधिश को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. अब्दुल नफीस खान ने बताया कि परसा ईस्ट केते बासेन खदान के लिए कुल 1136 हेक्टेयर जंगल काटा जाना है. इसमें से 137 हेक्टेयर के पेड़ काटे जा चुके हैं. साथ ही परसा कोल ब्लॉक के 1267 हेक्टेयर यानी लगभग 9 लाख पेड़ काटे जाएंगे. इससे वन्य जीवों और वनस्पति के साथ हसदेव नदी का केचमेंट भी प्रभावित होगा.

क्या पड़ेगा प्रभाव?
हसदेव के जंगल को काटे जाने से आने वाली पीढ़ी को इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है और मानव हाथी संघर्ष से जनहानि की भी स्थिति निर्मित हो सकती है. हसदेव अरण्य को बचाने के लिए प्रदेश सहित पूरे भारत में और विश्व समुदाय में प्राकृतिक प्रेमियों एवं पर्यावरण सरंक्षण प्रहरियों के द्वारा सेव हसदेव के तहत अपनी भावनाओं को व्यक्त किया जा रहा है. प्रदेश का हर कोई नागरिक यही चाहता है कि हसेदव अरण्य को किसी भी हाल में बचाया जाय. कोरबा जिला के निवासी भी हसदेव अरण्य को काटे जाने पर अत्यंत चितिंत हैं.