छत्तीसगढ़ : राहुल गांधी शनिवार को जगदलपुर लालबाग मैदान में सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता अपने भाषण में आदिवासियों को वनवासी करते हैं.
आदिवासियों के लिए बीजेपी ने नया शब्द निकाला है. आदिवासी और वनवासी शब्द में जमीन आसमान का फर्क है. कुछ समय पहले बीजेपी के एक नेता ने एक आदिवासी युवक से अभद्रता की थी.
अब आप बीजेपी की विचारधारा के बारे में सोचिए. वे यह आदिवासियों को दिखाना चाहते हैं कि उनकी जगह क्या है. इसलिए वनवासी शब्द निकाला गया है.
रायगढ़ के खरसिया में भी राहुल गांधी ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने नंदकुमार पटेल को याद किया. राहुल गांधी ने कहा, ‘उनके हथियारों को पकड़ा जाएगा. उनके साथ अन्याय हुआ. अब उनके बेटे चुनाव लड़ रहे हैं.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘आदिवासी शब्द एक क्रांतिकारी शब्द है. इस शब्द में काफी गहराई है. इसमें आपकी सच्चाई है. आदिवासी का मतलब है इस देश के पहले और असली मालिक.
इस देश की जमीन, जंगल, जमीन एक दिन आपका हुआ करता था. अब उसे हाथों से छीन लिया गया है. इसलिए बीजेपी इस शब्द का प्रयोग नहीं करती. अगर वे इस शब्द का प्रयोग करेंगे तो उनको आपका जल, जंगल और जमीन वापस करना होगा. वनवासी शब्द आदिवासियों का अपमान है. वनवासी शब्द को कांग्रेस नहीं स्वीकारती’
राहुल गांधी ने कहा, ‘पैसा कानून कांग्रेस ने लाया. कांग्रेस ने कहा था कि अगर किसी कारोबारी ने अपनी इंडस्ट्री चालू नहीं कि तो जमीन वापस करने का वादा भी हमने पूरा किया. एक बड़ा प्रोजेक्ट कांग्रेस ने कैंसिल किया क्योंकि आदिवासियों ने कहा यह प्रोजेक्ट हमे यहां नहीं चाहिए.
छत्तीसगढ़ की जल, जंगल और जमीन आपकी है और इसका हक आपको मिलना चाहिए. आदिवासी इतिहास, आदिवासी कल्चर पर वनवासी शब्द एक तरह से आक्रमण है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘हमने पहले कहा था 2500 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा, यह किसान को मिल रहा है. हम किसान के दर्ज को समझते है. आने वाले समय में यह बढ़ता जाएगा. कुछ ही समय में यह 3000 हो जाएगा. कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफ किया. जगदलपुर में 300 बंद स्कूल को कांग्रेस ने फिर से शुरू किया.’