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छत्तीसगढ़ : विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 20 सीटों पर कल मंगलवार को वोट डाले जाएंगे…

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 20 सीटों पर कल मंगलवार को वोट डाले जाएंगे. इन 20 सीटों पर रविवार शाम चुनाव प्रचार का शोर थम गया और अब उम्मीदवार मतदाताओं के घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के पहले चरण में नक्सल प्रभावित संभाग बस्तर की 12 सीटों और दुर्ग संभाग के राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़ की 8 सीटों पर मंगलवार को वोट डाले जाएंगे.

दुर्ग संभाग में 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, कबीरधाम-कवर्धा, पंडरिया और खैरागढ़ सीट शामिल है. जहां से पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम डा. रमन सिंह को जीत मिली थी जबकि शेष 7 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं.

इस तरह से देखा जाए तो पहले चरण में बीजेपी के पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है, लेकिन सत्ता में वापसी का यही एक रास्ता है. बीजेपी अगर बस्तर और दुर्ग संभाग इलाके में अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस हासिल नहीं कर पाती है तो उसके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.

छत्तीसगढ़ के पहले चरण में कांग्रेस और बीजेपी ही नहीं बल्कि दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेताओं की भी अग्निपरीक्षा होगी.

पूर्व सीएम और बीजेपी के दिग्गज नेता डा. रमन सिंह एक बार फिर से राजनांदगांव सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. यह सीट रमन सिंह की परंपरागत सीट मानी जाती है और वो 2008 से लगातार यहां से जीत दर्ज कर रहे हैं.

इसके अलावा बीजेपी के दिग्गज नेताओं में नारायणपुर सीट पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप, कोंडागांव सीट पर पूर्व मंत्री लता उसेंडी, बीजापुर सीट पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और भानुप्रतापपुर सीट पर पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी की साख दांव पर है.

पहले चरण में ही कांग्रेस के मुस्लिम चेहरा और बघेल सरकार में मंत्री मोहम्मद अकबर का असल इम्तिहान होना है.

कवर्धा सीट से एक बार फिर से अकबर उतरे हैं जबकि 2018 से पहले इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था. चित्रकोट सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज की साख दांव पर लगी है. कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा है.

इसके अलावा कोंडागांव से मंत्री मोहन मरकाम, कोंटा सीट पर मंत्री कवासी लखमा की साख दांव पर है. इस तरह से पहले चरण में बघेल सरकार के 3 मंत्रियों और प्रदेश अध्यक्ष की साख दांव पर लगी है.

छत्तीसगढ़ की सियासत में जंगल से ही प्रदेश का तख्त और ताज तय होता है. पहले चरण में जिन 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव है,

आदिवासी बहुल बस्तर और दुर्ग संभाग में राजनीतिक दलों के लिए चुनाव काफी कठिन माना जा रहा है. यहां कांग्रेस-बीजेपी के अलावा बसपा, सीपीआई, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी), आम आदमी पार्टी और आदिवासी नेता अरविंद नेताम की हमर राज पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरी है. यही वजह है कि सभी राजनीतिक दलों ने पहले चरण की सीटों के लिए पूरी ताकत लगा दी है.

पहले चरण की 20 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने चुनाव प्रचार किया उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी तक के नाम शामिल हैं.

पीएम मोदी ने कांकेर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसी हाईप्रोफाइल सीटों पर प्रचार करके आसपास की सीटों को प्रभावित करने की कोशिश की है. इसके अलावा बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं ने चुनावी जनसभा करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की है.

कांग्रेस की ओर से राहुल और प्रियंका गांधी ने इस बार मोर्चा संभाल रखा था. राहुल गांधी ने जहां बस्तर और रायगढ़ में प्रचार किया तो प्रियंका गांधी ने खरसिया, जगदलपुर और बिलासपुर में प्रचार कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की.

कांग्रेस की ओर से तीसरे दिग्गज नेता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुकमा और महासमुंद में कांग्रेस के लिए प्रचार किया. इसके अलावा भूपेश बघेल ने सभी 20 विधानसभा सीटों पर चुनावी प्रचार करके सियासी माहौल बनाने की कोशिश की है. ऐसे में अब देखना है कि पहले चरण में कांग्रेस और बीजेपी में कौन इस बार बाजी मारता है?