राजस्थान में चुनावी माहौल पूरी तरह उफान में जाने वाला है. इसलिए यहां पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों में तेजी से केंद्रीय नेतृत्व को लेकर मांग बढ़ रही है.
केंद्रीय नेताओं के अधिक दौरे कराये जाने की तैयारी है. एक तरफ जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में ताबड़तोड़ दौरे किये हैं तो वहीं पर कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे नाम मात्र के रह गए हैं.
राजस्थान कांग्रेस पार्टी ने सोनियां गाँधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के दौरे की मांग की है. इसके लिए अब यहां पर तैयारी होने लगी है. अलग-अलग संभाग वार दौरे की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पार्टी राजस्थान सरकार की योजनाओं को लेकर इन नेताओं के माध्यम से उठाना चाहती है. आचार संहिता लगने के बाद यहां पर केंद्रीय नेताओं के दौरे बढ़ जायेंगे. इसका असर 14 अक्टूबर के बाद दिखने लगेगा.
इन नेताओं के दौरे की चर्चा
राजस्थान में कांग्रेस अब आक्रामक रूप अपनाने जा रही है. कांग्रेस अपने चार नेताओं को यहां पर तूफानी दौरे कराना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने विधिवत तैयारी की है. पिछले महीने राहुल गांधी और प्रियंका गाँधी की दो सभाएं हो चुकी हैं. उस सभा में कांग्रेस के नेताओं की उपस्थिति ठीक रही है. इसलिए यहां पर कांग्रेस जोधपुर में राहुल और सोनियां के गांधी के दौरे चाह रही है. उदयपुर और मेवाड़ में प्रियंका और मल्लिकार्जुन खरगे के दौरे चाह रही है. इसी तरह पूर्वी राजस्थान में इन नेताओं के दौरे पार्टी चाह रही है. अजमेर और हाड़ौती संभाग में इन्हीं नेताओं के दौरे पार्टी चाह रही है.
अध्यक्ष ने दिखाई नाराजगी
राजस्थान में कांग्रेस के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा पिछले दिनों जयपुर में बेहद नाराज हो गए. राहुल गांधी को बीजेपी द्वारा रावण रूप दिखाये जाने के विरोध में कांग्रेस मुख्यालय पर सभी को एकत्र होना था. मगर, विधायक और नेता नदारद दिखे. इसके बाद अध्यक्ष डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के अपनी नाराजगी जाहिर की है. मगर, फिर भी कांग्रेस के विधायकों पर कोई असर नहीं दिखा. इससे पार्टी में चिंतन चल रहा है. अगर यही हाल रहा तो चुनाव में पार्टी कैसे मजबूती से खड़ी हो पायेगी. इसलिए अब स्थानीय नेताओं की जगह केन्द्रीय नेताओं को यहां पर उतारना चाह रही है.