छत्तीसगढ़ में आचार संहिता कभी भी लागू हो सकता है. निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ में चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर ली है.
दिल्ली की टीम में 20 दिन पहले ही छत्तीसगढ़ की तैयारी की समीक्षा कर ली है. इसके बाद अब कुछ ही दिनों में आचार संहिता की घोषणा होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. निर्वाचन आयोग की टीम के लिए बड़ी संख्या में बस बुक किए जा रहे है. जिसमे चुनाव दल को रवाना किया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार भी सुगबुगाहट के चलते बचे हुए सरकारी काम जल्दी पूरा करने की तेजी में है.
छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद अब तक 4 बार विधानसभा चुनाव हुए है. हर बार संयोग ऐसा बना की आचार संहिता की घोषणा अक्टूबर महीने में ही हुई है. 2003 में 12 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी. इसके बाद 2008 में 14 अक्टूबर,2013 में 4 अक्टूबर और साल 2018 में 6 अक्टूबर को आचार संहिता लागू कर दिया गया था. राज्य में पांचवी बार भी विधानसभा चुनाव की घोषणा अक्टूबर में होने की प्रबल संभावना है. चर्चा तो इतनी है कि अगले कुछ दिनों में ही चुनाव की घोषणा हो सकती है.
साल 2018 में निर्वाचन आयोग ने 6 अक्टूबर को चुनाव की घोषणा की थी. लेकिन छत्तीसगढ़ में कई जिले नक्सल प्रभावित है इस लिए दो चरणों में मतदान कराए गए थे. पहले चरण में 12 नवंबर को 18 सीटों पर मतदान कराए गए. इसके बाद 20 नंबर को बाकी 72 विधानसभा सीटों पर मतदान कराए गए थे. इसके बाद 11 दिसंबर को एक साथ मतगणना की गई थी. यानी 77 दिन में निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ में चुनाव की पूरी प्रक्रिया पूरी कर दी थी. इसके बाद 17 दिसंबर को भूपेश बघेल ने राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया.
निर्वाचन आयोग ने 4 अक्टूबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दिया है. इसके अनुसार राज्य में कुल दो करोड़ तीन लाख 60 हजार 240 मतदाता है. इनमें एक करोड़ एक लाख 20 हजार 830 पुरूष मतदाता, एक करोड़ दो लाख 39 हजार 410 महिला मतदाता और 790 तृतीय लिंग मतदाता शामिल है. इसमें फर्स्ट टाइम वोटर की संख्या 18 लाख से अधिक है. यानी 2023 के चुनाव में महिला वोटर और फर्स्ट टाइम वोटर सबसे अहम है. क्योंकि पूरे प्रदेश में महिला वोटर पुरुष वोटर से ज्यादा है.