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Himachal Operation Lotus: ऑपरेशन लोटस प्रदेश की राजनीति का कीवर्ड बना हुआ है. ‘ऑपरेशन लोटस’ पर एक दिलचस्प बयान|

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Himachal Operation Lotus: ऑपरेशन लोटस सफल हुआ तो कौन होगा मुख्यमंत्री? भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने किया खुलासा|

Himachal : ऑपरेशन लोटस इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजनीति का कीवर्ड बना हुआ है. आए दिन ‘ऑपरेशन लोटस’ पर दिलचस्प बयान सामने आ रहे हैं. प्रदेश में सरकार बने सात महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब भी ऑपरेशन लोटस की चर्चा बरकरार है.

कुल 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को 40 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल है. बावजूद इसके ऑपरेशन लोटस की चर्चा कांग्रेस को परेशान करने में लगी हुई है. कभी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का बयान तो कभी प्रतिभा सिंह और कुलदीप सिंह राठौर सरीखे का खुलकर मीडिया के सामने नाराजगी जाहिर करना ऑपरेशन लोटस की चर्चाओं को हवा दे रहा है.

बीजेपी किसे बनाएगी मुख्यमंत्री?

वीरवार को हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की प्रेस वार्ता के दौरान भी मीडिया ने उनसे ऑपरेशन लोटस पर सवाल किया. इस पर डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के बीच आपस में तालमेल नहीं है. तालमेल की भारी कमी आम जनता को भी नजर आ रही है. मीडिया ने डॉ. राजीव बिंदल से सवाल किया कि अगर प्रदेश में सरकार बदली, तो प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा? हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष के सामने तीन विकल्प रखे गए. इन तीन विकल्पकों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और डॉ. राजीव बिंदल का नाम था. इस पर डॉ. राजीव बिंदल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि जिसे आप शुभकामनाएं देंगे, वही प्रदेश का मुख्यमंत्री होगा. अब भले ही डॉ. बिंदल ने मजाकिया अंदाज में ऑपरेशन लोटस के सवाल को टाल दिया. लेकिन, हिमाचल प्रदेश की राजनीति का यह कीवर्ड कांग्रेस सरकार की गले की फांस बना हुआ है.

हिमाचल विधानसभा की मौजूदा स्थिति

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं. इनमें कांग्रेस को 40 सीटों पर प्रचंड जीत मिली है, जबकि 25 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पास है। इसके अलावा हमीरपुर, नालागढ़ और देहरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुनाव जीते हैं. इन तीनों विधायकों ने ही कांग्रेस को एसोसिएट सदस्य के तौर पर समर्थन दिया है. ऐसे में कुल 68 विधानसभा वाले सदन में कांग्रेस के पास 43 सीटों के साथ सुरक्षित बहुमत है. बावजूद इसके भाजपा ऑपरेशन लोटस की चर्चा को हवा देने में लगी हुई है. इसके पीछे हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में भारी असंतुलन, कैबिनेट मंत्रियों में तालमेल की कथित कमी और नेताओं की नाराजगी को आधार बनाया जा रहा है.