झीरम हमले के दौरान 32 गोलियां चलाने वाली महिला नक्सली हिड़मा उर्फ मड़कम गंगी ने गुरुवार को पुलिस के सामने समर्पण कर दिया है। गंगी को नक्सली संगठन में रहते हुए ही साल 2011 में प्लाटून कमांडर पोज्जे से प्रेम हो गया था। इसके बाद दोनों ने वर्ष 2011 को शादी की इसके बाद जब गंगी गर्भवती हुई तो चार महीने में उसका गर्भपात करवा दिया। इसके बाद से गंगी संगठन छोड़ने की फिराक में थी।
इसी बीच पुनर्वास नीति की जानकारी मिलने के बाद उसने अपने पति पोज्जे को बिना बताए ही समर्पण कर दिया है। पुलिस के अनुसार गंगी पर आठ लाख रुपए का ईनाम भी घोषित था।
गंगी साल 2010 में नक्सलियों से जुड़ी थी। इसके बाद उसने साल 2012 में सीआईएसएफ के जवानों पर हमले वाली घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस हमले में छह जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2015 में कोलेंग के सरपंच पांडू की हत्या में भी यह शामिल थी।
एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा व प्रताड़ना से दुखी होकर प्लाटून नंबर 24 की डिप्टी कमांडर ने सरेंडर किया है। यह बुरगुम, पोटाली क्षेत्र में सक्रिय रही है। इधर मारडूम इलाके में सक्रिय आठ नक्सलियों ने भी गुरुवार को आईजी विवेकानंद सिन्हा के सामने समर्पण कर दिया है।