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Chhattisgarh : दंतेवाड़ा विधानसभा चुनाव में किसे मिलेगी जीत? क्या कहते हैं आंकड़ें

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Dantewada Assembly Seat: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का दंतेवाड़ा स्थित 52 आदिशक्ति पीठ में से एक आराध्य देवी मां दंतेश्वरी का भव्य मंदिर है. चारों ओर पहाड़ियों के बीच बसा दंतेवाड़ा जिला खनिज संपदा से परिपूर्ण है.

एनएमडीसी के लौह अयस्क का खदान इसी विधानसभा में मौजूद है. दंतेवाड़ा के विकास में सीएसआर मद का भी बहुत बड़ा योगदान है, यही वजह है कि दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के प्रत्याशी एड़ी चोटी लगाते हैं.

नक्सलवाद की जड़ें मजबूत

इन विशेषताओं के बावजूद दंतेवाड़ा विधानसभा वर्तमान में भी नक्सल समस्या से जूझ रहा है. इस क्षेत्र में विकास के बावजूद भी नक्सलवाद की जड़ें मजबूत हैं. वर्तमान में यह सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस सीट से विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर होती है. दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया था, इस हमले में उनकी मौत हो गई थी. वर्तमान में दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस से देवती कर्मा विधायक हैं. देवती कर्मा बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं, जिन्हें नक्सलियों ने झीरम घाटी मे गोली मारकर हत्या कर दी थी.

राजनीतिक समीकरण

दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर हुए पिछले 4 विधानसभा चुनावों में तीन बार कांग्रेस की जीत हुई, जबकि एक बार बीजेपी की जीत हुई. यह सीट वर्तमान में कांग्रेस के कब्जे में है. 2003 के विधानसभा चुनाव में बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर महेंद्र कर्मा ने जीत हासिल की थी, जबकि 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी भीमा मंडावी ने जीत हासिल की थी.

इस सीट पर 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नक्सली हमले में शहीद हुए महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को टिकट दिया, जहां देवती कर्मा ने बीजेपी उम्मीदवार भीमा मंडावी को 5 हजार 881 वोटों से हराया था. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रत्याशी भीमा मंडावी ने जीत दर्ज की, उन्होंने देवती कर्मा को हराया. एक साल बाद 2019 में नक्सली द्वारा किये गए हमले में भीमा मंडावी की मौत हो गई, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए.

2019 उपचुनाव में बीजेपी ने भीमा मंडावी की पत्नी भीमा मंडावी को टिकट दिया, माना जा रहा था कि नक्सली हमले में मारे गए विधायक भीमा मंडावी की पत्नी को सिंपथी वोट मिलेगा. मतदाताओं ने इसके उलट कांग्रेस देवती कर्मा को दोबार विधानसभा पहुंचा दिया, वह वर्तमान में भी दंतेवाड़ा से विधायक हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. इस संबंध में स्थानीय सीनियर पत्रकार हेमंत कश्यप का कहना है कि कयास लगाया जा रहा है कि इस सीट से मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी और कांग्रेस से देवती कर्मा को ही टिकट मिलेगा. हालांकि चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के आलाकमान तय करेंगे कि टिकट किसे दिया जाए.

दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पहाड़ी और जंगली क्षेत्र होने के कारण पहुंच विहीन है. भौगौलिक परिस्थितियों के कारण विकास कार्य समुचित क्षेत्र में नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह से नक्सलवाद की जड़ें अब भी मजबूत है. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां अपनी क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के दम पर मतदाताओं तक पहुंच रही हैं.

क्या हैं स्थानीय मुद्दे?

दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में मुख्य समस्या नक्सलवाद और बेरोजगारी है. क्षेत्र में एनएमडीसी के अलावा कोई बड़ा उद्योग नहीं है. स्थानीय आदिवासी वनोपज और मानसून आधारित कृषि पर आश्रित है, लंबे समय से यहां युवाओं में बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है. कई गांवों में पानी और सड़क की समस्या बनी हुई हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां लंबे समय से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है, खुद विधायक कभी क्षेत्र का दौरा नहीं करती हैं.

दंतेवाड़ा का अंतरराज्यीय बस स्टैंड जर्जर हालात में है. रोनझे पंचायत के अलावा ऐसे 40 से भी अधिक गांव हैं जहां सड़कों पर लाइट नहीं है, कई बार विधायक और प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी लाइट नहीं लगी है. इसके अलावा कारली पंचायत में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, कई बार आवेदन देने के बाद भी समस्या दूर नही हुई है. कारली पंचायत में सड़क भी नहीं बनी है, कच्ची सड़क से लोग परेशान हैं.

इस क्षेत्र में बरसात के समय मुख्य शहर से ग्रामीण कट जाते हैं, सड़क नहीं बनने की वजह से बरसात में कई गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं और शहर से ग्रामीणों का संपर्क भी टूट जाता है. पुल पुलिया का निर्माण किए जाने की घोषणा हो रही है लेकिन ग्राउंड जीरो पर काम नहीं हो रहा है. कहीं काम हो भी रहा है तो काफी टाइम लग रहा है. दंतेवाड़ा के नकुलनार इलाके में विधायक के दौरा नहीं करने से स्थानीय लोग नाराज हैं, लंबे समय से बिजली कटौती की समस्या बनी हुई है और यह समस्या दूर नहीं हुई है.

दंतेवाड़ा विधानसभा में मतदाओं का आंकड़ा

  • दंतेवाड़ा विधानसभा में कुल मतदान केंद्र- 273
  • दंतेवाड़ा विधानसभा में कुल मतदाता- 1 लाख 87 हजार 641 है.
  • महिला मतदाता- 98 हजार 50
  • पुरुष मतदाता- 89 हजार 591
  • 2003 विधानसभा चुनाव से यह सीट आदिवसियो के लिए आरक्षित है.

दंतेवाड़ा विधानसभा में क्या है विशेष

  • दंतेवाड़ा में 52 शक्तिपीठ में से एक दंतेश्वरी मंदिर है ,कहा जाता है की माता सती का यहां दात गिरा था तब से जगह का नाम दंतेवाड़ा पड़ा मां दंतेश्वरी बस्तर की आराध्य देवी है.
  • दंतेवाड़ा जिले से 30 किलोमीटर दूर बारसूर नगर पंचायत है जिसे मंदिरों की नगरी कहा जाता है.
  • बारसूर में गणेश मंदिर, मामा भाचा मंदिर और बत्तीसा मंदिर, यह सभी मंदिर बहुत ही विख्यात मंदिर है.
  • दंतेवाड़ा में पर्यटन स्थल ढोलकल मंदिर, झारा लावा जलप्रपात, हंदा वाड़ा जलप्रपात, फुल पाड़ जलप्रपात, सात धार जलप्रपात हैं. इन सभी जलप्रपात का शुमार दंतेवाड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में होता है.
  • बैलाडीला लौह उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. यहां एनएमडीसी द्वारा लोहे का खनन किया जाता है, इन पहाड़ियों में हेमेटाइट की उच्च मात्रा पाई जाती है. लोहे का निर्यात पूरे भारत के साथ- साथ विदेशो में जैसे श्रीलंका, जापान इटली में निर्यात किया जाता है.

दंतेवाड़ा विधानसभा: किसने और कब हासिल की जीत?

  • छत्तीसगढ़ साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया. 2003 में दंतेवाड़ा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र कर्मा को कुल 24 हजार 572 मिले, जबकि सीपीआई पार्टी के प्रत्याशी नंदाराम सोरी को कुल 19 हजार 637 मिले. महेंद्र कर्मा 4935 वोट के अंतर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे.
  • 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी भीमाराम मंडावी को कुल 36 हजार 813 वोट मिले, जबकि सीपीआई के मनीष कुंजाम को 24 हजार 805 मत मिले और कांग्रेस के महेंद्र कर्मा को 17 हजार वोट मिले,. बीजेपी के प्रत्याशी भीमाराम मंडावी ने जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे.
  • 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा को कुल 41 हजार 417 वोट मिले, जबकि बीजेपी के भीमाराम मंडावी को कुल 35 हजार 430 वोट मिले. इस तरह 6 हजार वोट के अंतर से देवती कर्मा ने जीत हासिल की.
  • 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के भीमाराम मंडावी को कुल 37 हजार 990 वोट मिले, जबकि देवती कर्मा को कुल 35 हजार 818 वोट मिले. 2 हजार वोटों के अंतर से भीमा राम मंडावी ने जीत हासिल की.
  • दंतेवाड़ा में साल 2018 विधानसभा चुनावों के साल भर के भीतर नक्सलियों ने बीजेपी विधायक भीमाराम मंडावी की हत्या कर दी. जिसके के बाद 2019 दंतेवाड़ा विधानसभा उपचुनाव कराया गया. जिसमे कांग्रेस की देवती क़र्मा को कुल 50 हजार 682 वोट मिले और स्वर्गीय भीमाराम मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को कुल 39 हजार 490 वोट मिले. देवती कर्मा ने ओजस्वी मंडावी को 10 हजार मतों के अंतर से हराया था.

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