भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ रथ में सवार हो गए हैं.
जगन्नाथ रथयात्रा निकलने से पहले ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया. यात्रा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
जगन्नाथ यात्रा का हर साल आषाढ़ माह की द्वितीया तिथि से भव्य आयोजन होता है.
यह उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है. रथ यात्रा के लिए रथ के निर्माण कार्य की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन से होती है.
जगन्नाथ रथ यात्रा का त्योहार भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा की साथ पूजा को समर्पित है.
उत्सव के दौरान तीन रथों की यात्रा निकाली जाती है. जगन्नाथ पुरी के उत्सव की शुरुआत 12वीं सदी में हुई थी. यह मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.
विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा महोत्सव ओडिशा के अलावा गुजरात में भी मनाया जाता है. अहमदाबाद में मनाए जाने वाले ‘रथ यात्रा’ महोत्सव को पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है.