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Manipur Violence: ‘मणिपुर में लीबिया-सीरिया जैसे हालात, कोई सुन रहा है?’ सेना के पूर्व अधिकारी

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Manipur Violence: मणिपुर, उत्तर-पूर्व का वो राज्य जो लगभग डेढ़ महीने से हिंसा-आगजनी की चपेट में है. केंद्रीय नेताओं ने हालात को काबू करने की जद्दोजहद में राज्य का दौरा भी किया.

बावजूद इसके हिंसा जारी है. अब सेना के एक अधिकारी ने राज्य की तुलना युद्धग्रस्त लीबिया, लेबनान और सीरिया से की है. सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे एल निशिकांत सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि मणिपुर को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है, क्या कोई सुन रहा है?

मणिपुर में ट्रायबल सॉलिडरिटी मार्च के बाद शुरू हिंसा में सौ से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है. मार्च कूकी समुदाय के लोगों ने मैतेई की एसटी में शामिल किए जाने की डिमांड के खिलाफ निकाला था. बाद में हिंसा हो गई, जो अबतक जारी है. हिंसा को लेकर नामचीन हस्तियों ने पहले भी बुलंद की. बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कौम ने 4 मई को पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ट्वीट करते हुए कहा था कि ‘मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है, मदद करें.’

मणिपुर में लीबिया, सीरिया जैसे हालात

अब रिटायर्ड सैन्य अधिकारी निशिकांत सिंह ने कहा कि मैं मणिपुर का एक आम नागरिक हूं और अपनी रिटायर्ड लाइफ जी रहा हूं. स्टेट स्टेटलेस हो गया है. लाइफ और प्रॉपर्टी कभी भी किसी के द्वारा भी बर्बाद किया जा सकता है. ठीक उसी तरह जैसा कि लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया वगैरह में होता है. उनके इस ट्वीट को पूर्व आर्मी चीफ वेद प्रकाश ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को टैग करते हुए कहा कि मणिपुर को लेकर उच्च स्तर पर ध्यान देने की जरूरत है.

नेता को किनारे कर सेना को लेना चाहिए चार्ज

शौर्य चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर हरदीप सिंह सोही ने अपील की कि राजनेताओं को किनारे हो जाना चाहिए और सेना को मणिपुर में शांति कायम करने के लिए उतार देना चाहिए. हालात को इस स्तर तक पहुंचाने में उन्होंने खूब हंगामा किया है, जहां अब कोई सुरक्षित नहीं है.

केंद्रीय मंत्री के घर हुई आगजनी

मणिपुर में हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां केंद्रीय मंत्री तक का घर सुरक्षित नहीं है. मसलन, गुरुवार रात इंफाल स्थित केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने हमला कर दिया. यहां आगजनी की गई. मंत्री की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी भी उन्हें रोक नहीं पाए. हालात ये है कि उन्हें भी यह कहना पड़ रहा है कि मणिपुर में कानून व्यवस्था पूरी तौर पर चौपट हो चुका है. अपने राज्य में हालात देखकर काफी दुखी हूं. शांति की अपील की और भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा को अमानवीय बताया.