Home News Cyclone Biparjoy effect in North States- बिपरजॉय का दिल्ली-NCR और उत्तराखंड पर...

Cyclone Biparjoy effect in North States- बिपरजॉय का दिल्ली-NCR और उत्तराखंड पर क्या पड़ेगा असर? स्काईमेट का ताजा अपडेट!

34
0

Cyclone Biparjoy Effect in North States- चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के तटीय इलाकों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने इससे पहले ही कच्छ और सौराष्ट्र जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

कच्च में तेज बारिश हो रही है। आईएमडी ने पूर्वानुमान जताया है कि गुजरात में टकराते वक्त बिपरजॉय की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। इस बीच निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने उत्तर भारतीय राज्यों को लेकर ताजा भविष्यवाणी की है। स्काईमेट ने बताया है कि अगले चार हफ्ते भारत में कमजोर मानसून रहेगा, इससे कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव जरूर पड़ सकता है लेकिन, दो दिन दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड और यूपी समेत कई उत्तर भारतीय राज्यों में बारिश से मौसम खुशनुमा जरूर रह सकता है।

निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने अगले चार हफ्तों में भारत में कमजोर मानसून की भविष्यवाणी की है, जिससे कृषि पर प्रभाव के बारे में चिंता बढ़ गई है। स्काइमेट ने भविष्यवाणी की है कि 30 जून से 6 जुलाई के बीच मानसून उत्तर में प्रवेश करेगा, लेकिन इसका प्रभाव कम देखा जा सकता है। हालांकि इसके बाद मानसून की झमाझम बारिश से समूचा उत्तर भारत रमेगा। इससे पहले जून माह में दिल्ली, एनसीआर और उत्तराखंड, यूपी समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप है।

बिपरजॉय का पड़ेगा असर?
स्काईमेट ने बताया है कि दिल्ली, एनसीआर और उत्तराखंड-यूपी समेत कई उत्तर पश्चिम राज्यों में बिपरजॉय का कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि 16 जून को बिपरजॉय के गुजरात से दक्षिण राजस्थान की तरफ जाते वक्त रफ्तार धीमी पड़ जाएगी और यह बेअसर हो जाएगा। 14 से 15 जून के बीच जब यह चक्रवाती तूफान गुजरात से टकराएगा तो इसकी रफ्तार सबसे तेज 150 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है लेकिन, अगले ही दिन दक्षिण राजस्थान की तरफ जाते वक्त इसकी रफ्तार धीमी होकर 65 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी। इसके बाद यह बेअसर हो जाएगा।

स्काईमेट वेदर के मुताबिक, 15 और 16 जून को दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर पश्चिमी राज्यों में हल्की और मध्यम बारिश की उम्मीद है। हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि यह मानसूनी बारिश नहीं है, यह बिपरजॉय का प्रभाव है जो इन राज्यों में पड़ सकता है।

गौरतलब है कि इस बार देश में मानसून की एंट्री देरी से हुई है। 1 जून को पहुंचने वाला मानसून इस साल 8 जून को केरल पहुंचा है। ऐसे में इसकी भी संभावना है कि यह उत्तर भारतीय राज्यों में देरी से पहुंचे। हालांकि अभी मौसम विभाग का कहना है कि ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि अगर मानसून केरल में देरी से पहुंचा है तो उत्तर पश्चिमी राज्यों में भी देरी से पहुंचे। मानसून के 30 जून से 6 जुलाई के बीच उत्तर पश्चिम में पहुंचने की संभावना है।