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जैक डोर्सी झूठ बोल रहे हैं… भारत में ट्विटर को बंद करने की धमकी के आरोपों पर सरकार का करारा जवाब

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 केंद्र सरकार ने मंगलवार को ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के उन आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट को बंद करने की धमकी दी थी.

डोर्सी ने सोमवार को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स में एक साक्षात्कार के दौरान दावा किया कि कंपनी को किसानों के समर्थन और सरकार की आलोचना करने वाले खातों को ब्लॉक करने के लिए भारत से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे. अब केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसी पर सख्त प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने ट्वीट किया, “यह जैक डोर्सी का एक झूठ है. शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है. डोर्सी और उनकी टीम के तहत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था. वास्तव में वे 2020 से 2022 तक बार-बार कानून का पालन नहीं कर रहे थे और यह केवल जून 2022 था जब उन्होंने अंततः भारत के कानून को स्वीकारा किया. कोई जेल नहीं गया और न ही ट्विटर ‘शटडाउन’ हुआ.”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘डोर्सी की अगुवाई में ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी. उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते. एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में भारत को यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि भारत में काम करने वाली सभी कंपनियां उसके कानूनों का पालन करें.’

सरकार ने कहा, ‘जनवरी 2021 में विरोध प्रदर्शनों के दौरान, बहुत सारी गलत सूचनाएँ और यहाँ तक कि नरसंहार की रिपोर्टें भी आईं, जो निश्चित रूप से गलत थीं. भारत सरकार को ट्विटर से गलत सूचनाओं को हटाने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि इस तरह की फर्जी खबरें स्थिति को और भड़का सकती थी. जैक के तहत ट्विटर पर इस तरह का पक्षपातपूर्ण व्यवहार था कि उन्हें भारत में मंच से गलत सूचना को हटाने में समस्या हुई, जबकि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में इसी तरह की घटनाएं होने पर ऐसा किया था.’

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, ‘रिकॉर्ड को सही करने के लिए, किसी पर छापा नहीं मारा गया और न ही ट्विटर के किसी स्टाफ को जेल भेजा गया. हमारा ध्यान केवल भारतीय कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने पर था. उस अवधि के दौरान जैक्स ट्विटर की मनमानी, स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण आचरण और अपने मंच पर अपनी शक्ति के दुरुपयोग के बारे में अब सार्वजनिक डोमेन में पर्याप्त सबूत हैं.’

उन्होंने कहा, “डोर्सी के नेतृत्व में ट्विटर न केवल भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था, बल्कि यह पक्षपातपूर्ण था कि कैसे यह हमारे संविधान के अनुच्छेद 14,19 का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से ‘डीएम्प्लीफाई’ का इस्तेमाल कर रहा था और गलत सूचनाओं को हथियार बनाने में भी मदद कर रहा था. भारत में सक्रिय सभी मध्यस्थों के लिए हमारी सरकार की नीतियां स्पष्ट हैं – इंटरनेट सुरक्षित और भरोसेमंद, जवाबदेह है… यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनों का पालन हो.”

जैक डोर्सी ने अपने आरोपों में क्या कहा है

यूट्यूब शो ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स विद क्रिस्टल एंड सागर’ में ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान भारत की तरफ से हमारे पास कई अनुरोध आए, जिसमें सरकार की आलोचना करने वाले कुछ पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट का भी जिक्र था. हमें ऐसा लगा कि अगर कंपनी ने सरकार की बात नहीं मानी, तो ट्विटर को भारत में बंद कर दिया जाएगा, जो कि हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है, कुछ कर्मचारियों के घरों पर छापा मारा गया, धमकी दी गई कि अगर आप हमारे आदेश का पालन नहीं करते हैं तो हम आपके ऑफिस बंद कर देंगे और यह भारत है – एक लोकतांत्रिक देश…’

डॉर्सी के मुताबिक, तुर्की ने भी भारत की तरह ही व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि तुर्की सरकार ने भी ट्विटर को बंद करने की धमकी दी, जो अक्सर सरकार के साथ अदालती लड़ाई में उलझा रहता था और जीत जाता था.

क्या था किसान आंदोलन

केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए थे. किसानों के विरोध को देखते हुए नवंबर 2021 में सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने किसानों को समझाने में विफलता को स्वीकार किया और उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपना विरोध बंद कर दें. फिर संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानूनों को वापस ले लिया गया.