New Parliament House : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की सौगात देश को दी हैं। हालांकि, उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) उपस्थित नहीं रहीं।
ऐसे में गैर बीजेपी विपक्षी दलों ने कार्यक्रम से राष्ट्रपति को बाहर करने को लेकर पीएम मोदी द्वारा नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार भी किया। लेकिन, नए संसद भवन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सांसदों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एक संदेश पढ़ा।
मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि पीएम मोदी लोगों की पसंद हैं। संविधान निर्माताओं ने एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना की थी, जो भारत के लोगों के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नई संसद “राष्ट्र में एकता और गौरव की भावना को मजबूत करेगी। इस दौरान उद्घाटन को भारत के लोगों के लिए अत्यधिक गर्व और खुशी की बात के रूप में बताते हुए मुर्मू के बयान ने विपक्ष के जानबूझकर बहिष्कार के आरोपों को रेखांकित किया।
लोकतांत्रिक यात्रा में मील का पत्थर
राष्ट्रपति ने इस आयोजन को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। कहा कि लोकतंत्र के हमारे सिद्धांतों ने लगातार लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया है और गरीब से गरीब व्यक्ति को मजबूत किया है। साथ ही, गरीब पृष्ठभूमि में पैदा हुए लोगों को भी नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। पिछले 7 दशकों में, हमारी संसद कई ऐतिहासिक नीतिगत निर्णयों का केंद्र रही है। संसद ने कई बदलाव किए हैं, जिससे देश के लोगों को फायदा हुआ है।
नई संसद पेश करेगी नए उदाहरण
नई संसद का उद्घाटन हमारी लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में, नई संसद का उद्घाटन हमारे लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह हमें लोगों की आकांक्षाओं के साथ उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाता है। मैं उन लोगों की सराहना करती हूं, जिन्होंने इस इमारत को बनाने के लिए रात-दिन काम किया है। मुझे उम्मीद है कि यह नई संसद नए उदाहरण पेश करेगी और भारतीय लोकतंत्र की समृद्ध परंपराओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।