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शराब घोटाले में सिसोदिया के खिलाफ CBI की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर आदेश सुरक्षित, कोर्ट 27 को सुनएगा फैसला…

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शराब घोटाला मामला में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बुच्ची बाबू गोरंटला, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल के खिलाफ सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के संज्ञान पर आदेश सुरक्षित रख लिया है।

कोर्ट अपना फैसला 27 मई को सुनाएगी। यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट 25 अप्रैल को दाखिल की गई थी।

सीबीआई ने शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एम.के. नागपाल की अदालत में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तीन अन्य के खिलाफ बीते माह 25 अप्रैल को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी।

चार्जशीट में सीबीआई ने दलील दी थी कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी सक्षम अधिकारियों से प्राप्त कर ली गई है। सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और 58वें दिन चार्जशीट दाखिल की दी थी।

भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसी को आरोपी की गिरफ्तारी के 60 दिन के अंदर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना होता है, अन्यथा व्यक्ति स्वाभाविक जमानत का हकदार हो जाता है। एजेंसी ने चार्जशीट में हैदराबाद निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट बुच्ची बाबू गोरांटला, शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल और एक अन्य व्यक्ति अर्जुन पांडेय के भी नाम हैं। चारों आरोपियों में से सिसोदिया और ढल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। बुच्ची बाबू को मामले में 6 मार्च को जमानत दे दी गई थी, वहीं अर्जुन पांडेय को मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया।

सीबीआई ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) लगाई और आईपीसी की नयी धाराएं 201 (साक्ष्यों को नष्ट करना) और 420 (धोखाधड़ी) जोड़ीं जो प्राथमिकी में नहीं थीं।

सीबीआई की अभी तक की गयी जांच से सामने आया है कि सिसोदिया आबकारी नीति बनाने में मंत्रिसमूह (जीओएम) की अगुवाई कर रहे थे और वह दक्षिण भारत के समूह के प्रभाव में आबकारी नीति को बनाने तथा लागू करने में हेरफेर करने की साजिश के मुख्य रचनाकार थे।

शराब नीति बनाने और लागू करने में भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं के आरोपों को आम आदमी पार्टी (आप) तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया था। यहां विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल चार्जशीट में एजेंसी ने कहा कि व्यापक साजिश का पता लगाने और मामले में अन्य आरोपियों की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच को जारी रखा गया है।

सीबीआई ने चार्जशीट के कॉलम 12 में पूर्व आबकारी आयुक्त ए गोपी कृष्ण के नाम का भी उल्लेख किया और कहा कि वह संदिग्ध हैं, लेकिन उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सीबीआई ने पिछली चार्जशीट 25 नवंबर, 2022 को दायर की थी।